- सीएम के आश्वासन के बाद जनप्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने का प्रयास

- प्रेमनगर या कोरोनेशन को जिला अस्पताल बनाने की मांग

DEHRADUN: सीएम की ओर से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के महासंघ ने जिला अस्पताल के लिए जनप्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने के प्रयास तेज कर दिये हैं। फिलहाल महासंघ के पदाधिकारी स्थानीय विधायकों और सांसदों से मिलकर जिला अस्पताल के लिए सहयोग मांग रहे हैं। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के सचिव सुभाष शर्मा का कहना है वे हर रोज एक अथवा दो जनप्रतिनिधियों से मिल रहे हैं और उन्हें सभी का समर्थन मिल रहा है।

फिलहाल आंदोलन टला

जिला अस्पताल के लिए आंदोलन पर उतारू कर्मचारियों ने फिलहाल प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया है। ऐसा सीएम से मिले आश्वासन के बाद किया गया है। महासंघ के अध्यक्ष बीएस पयाल का कहना है कि सीएम ने जिला अस्पताल की उनकी मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया है, ऐसे में आंदोलन करने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन वे सीएम से आश्वासन के बाद चुप नहीं बैठ गये हैं, बल्कि लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं।

दून नहीं तो कहीं और बने अस्पताल

पयाल और शर्मा का कहना है कि अच्छा तो यह होता कि दून अस्पताल को जिला अस्पताल ही रहने दिया जाता और मेडिकल कॉलेज कहीं और बना दिया जाता। अभी भी उनकी पहली मांग दून को जिला अस्पताल ही रहने देने की है, लेकिन तकनीकी रूप से अब ऐसा संभव नहीं है तो किसी दूसरे अस्पताल को अथवा कोई नया अस्पताल जिला अस्पताल बनाया जाए।

जिला अस्पताल के पद खत्म करने से नाराज

महासंघ के पदाधिकारी दून अस्पताल के ट्रांसफर किये गये डॉक्टरों और कर्मचारियों के पद समाप्त किये जाने से नाराज हैं। उनका कहना है कि नियमानुसार तबादला होना चाहिए, लेकिन जिन लोगों का तबादला किया जा रहा है उनका पद समाप्त नहीं किया जाना चाहिए, जैसा कि अभी हो रहा है। ऐसा करके शासन जिला अस्पताल का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त कर रहा है। उनका कहना है कि इन पदों ने नये जिला अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी भेजे जाने चाहिए।

प्रेमनगर, कोरोनेशन का नाम आगे

जिला अस्पताल की मांग कर रहे कर्मचारियों का कहना है यदि दून अस्पताल को फिर से जिला अस्पताल बनाना संभव नहीं है तो प्रेमनगर अथवा कोरोनेशन सब डिस्ट्रिक्ट अस्पताल को जिला अस्पताल बनाया जा सकता है। हालांकि कोरोनेशन और गांधी शताब्दी अस्पतालों को संयुक्त रूप ने जिला अस्पताल का रूप देने की भी चर्चा चल रही है।

बिना जिला अस्पताल कई काम बाधित

दून अस्पताल के मेडिकल कॉलेज अस्पताल बन जाने से कई सरकारी काम बाधित हो रहे हैं। जिला अस्पताल के माध्यम से कई सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है, लेकिन अब दून अस्पताल के मेडिकल एजुकेशन के पास चले जाने से इन सभी कामों में बाधा पड़ रही है। लोकल परचेज जैसी कई सुविधाएं भी दून अस्पताल में बंद कर दी गई हैं, जिससे जरूरतमंद लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।