RANCHI : छात्रा के साथ छेड़खानी और रेप करने की कोशिश करने के आरोपी जयपुर स्थित निम्स के चेयरमैन बीएस तोमर को अदालत ने जमानत दे दी है। मंगलवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्पेशल जज एमसी वर्मा की अदालत में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से बताया गया कि आरोप लगाने वाली छात्रा ने मामले के आईओ को सुलह करने से संबंधित पत्र भेजा है। हालांकि, अदालत ने बचाव पक्ष की इस दलील को स्वीकार नहीं किया। फिर, अभियोजन पक्ष ने अपना पक्ष रखा, जिसके बाद अदालत ने बीएस तोमर को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया।

छह सितंबर हुए थे अरेस्ट

निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ बीएस तोमर को इस साल छह सितंबर को जयपुर से गिरफ्तार किया गया था। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी के निर्देश पर उन्हें पकड़ने के लिए सदर थाने के इंस्पेक्टर भोला प्रसाद सिंह और चुटिया के इंस्पेक्टर ब्रजकिशोर भारती जयपुर गए थे। उन्होंने स्थानीय मोती डुंगरी थाना पुलिस के सहयोग से निम्स डायरेक्टर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद वे उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रांची आए थे। यहां कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें होटवार जेल भेज दिया गया था।

केस दर्ज होने के डेढ़ साल बाद हुई थी गिरफ्तारी (बॉक्स)

पिछले साल फरवरी में डॉ बीएस तोमर के खिलाफ चुटिया थाने में छात्रा से दुष्कर्म के प्रयास की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। छात्रा का आरोप है कि डॉ। तोमर अपने उसी न्यूज चैनल के इनॉगरेशन के सिलसिले में 25 अक्टूबर 2014 को रांची आए थे। कार्यक्त्रम के बाद तोमर ने उसे बुलाया और कहा कि वह उसे स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यूरोप भेजना चाहते हैं। तोमर ने उसे अपने कमरे में बुलाया और छेड़खानी करने लगे। पांच फरवरी 2015 को छात्रा रांची पहुंची और अपने परिजनों को मामले की जानकारी दी। उसके बाद परिजनों के प्रयास से चुटिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।