आर्थिक तंगी भी नहीं बनती रोड़ा
आर्थिक तंगी के बावजूद ये पिता और बेटी (जिसका घरेलु नाम है A Zi) दोनों मिलकर इस बात का प्रण कर चुके हैं कि आगे भी वे ऐसे कुत्तों और साथ में बिल्लियों का भी पालन-पोषण करना जारी रखेंगे। इन्होंने चीन में उदार परोपकारियों के एक समूह का चयन किया है, जो इन जानवरों के पालन-पोषण के लिए अपना समय और धन दोनों दे सकें।
इस बारे में इन पिता और बेटी का कहना है कि ये जगजाहिर है कि दुनियाभर में आवारा कुत्तों को कितनी बेदर्दी के साथ ट्रीट किया जाता है। ऐसा देखकर ही उन दोनों ने ऐसे जानवरों को शरण देने का मन बना लिया। ताकि इनको बेहतर जिंदगी दे सकें।
देते हैं इनको पनाह
इनमें से कई कुत्ते ऐसे हैं, जिनको जिस समय इस शेल्टर हाउस में लाया गया, वह काफी बीमार थे और कुछ तो अपाहिज भी थे। इनके शेल्टर हाउस के बारे में बताया गया कि ये सिर्फ सड़कों से ही आवारा कुत्तों को उनकी देखरेख के लिए नहीं लाते, बल्कि कई स्लॉटरहाउस से भी जानवरों को यहां लाया जाता है।
करते हैं इनकी ऐसे सेवा
उसके बाद इन जानवरों की तकलीफों का इलाज किया जाता है और उनको खाना दिया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस शेल्टर हाउस का खर्चा कैसे चलता है। आपको बता दें कि A Zi और उनके पिता की महीने की सैलरी से ये शेल्टर हाउस चलता है। इसके साथ ही कुछ कुत्तों से प्यार करने वाले स्वयंसेवक भी इनको चंदा दे दिया करते हैं।
Courtesy By Mail Online
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