माउस के व्यापक इस्तेमाल से काफी पहले एंजेलबर्ट ने 1960 में इस उपकरण को तैयार किया. पहला माउस लकड़ी से बना था और इसमें धातु के दो छोटे पहिये लगे थे.

उन्होंने कैलिफ़ोर्निया शोध संस्थान में काम करने के दौरानक्लिक करें ईमेल, वर्ड प्रोसेसिंग और वीडियो टेलीकांफ्रेंस के शुरुआती तकनीक पर भी काम किया था.

स्टेट कंप्यूटर हिस्ट्री म्यूजियम ने उनकी बेटी क्रिस्टीना के ईमेल के आधार पर डग एंजेलबर्ट की मृत्यु की ख़बर दी है.

उन्होंने बताया कि उनके पिता की सेहत काफी ख़राब थी और मंगलवार रात को नींद के दौरान ही उनका देहांत हो गया.

शुरुआती जीवन

डग एंजेलबर्ट का जन्म 30 जनवरी 1925 को ओरेगन स्थित पोर्टलैंड में हुआ था. उनके पिता एक रेडियो मैकेनिक और माँ गृहणी थीं.

उन्होंने ओरेगन राजकीय विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान राडार टेक्नीशियन की भूमिका निभाई.

उन्होंने क्लिक करें नासा की पूर्ववर्ती संस्था नाका में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर भी काम किया. लेकिन जल्द ही वह इस नौकरी को छोड़कर डॉक्टरेट की उपाधि के लिए बर्कले स्थित कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय चले गए.

इंसानों के ज्ञान को बढ़ाने में कंप्यूटर कैसे मदद कर सकता है, इस बात में उनकी दिलचस्पी उन्हें स्टैनफोर्ड शोध संस्थान ले आई. बाद में उन्होंने ऑग्मेंटेशन शोध केन्द्र के नाम से अपनी प्रयोगशाला स्थापित की.

उनकी प्रयोगशाला ने एआरपीएनेट के विकास में सहयोग किया़, जिसने आगे चलकर इंटरनेट का रूप लिया.

बड़ी सोच

एंजेलबर्ट की सोच उनके व़क्त से काफी आगे थी. वह एक ऐसे युग में काम कर रहे थे जब कंप्यूटर एक पूरे कमरे के बराबर होता था और विशाल मशीनों में पंच कार्ड के जरिए डाटा भरा जाता था.

उन्होंने 1968 में सैन फ्रांसिसको में माउस का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन करके पूरी दुनिया को चौंका दिया था.

इसी कार्यक्रम में उन्होंने पहले वीडियो टेलीकांफ्रेंस का प्रदर्शन किया और टेक्स्ट आधारित लिंक के अपने सिद्धान्त की व्याख्या की, जो आगे चलकर इंटरनेट की आधारशिला बना.

वह माउस से बहुत अधिक पैसा नहीं बना सके क्योंकि 1987 में जब माउस का पेटेंट खत्म हुआ उस समय तक इसका बहुत अधिक इस्तेमाल नहीं किया जाता था.

एसआरआई ने 1883 में 40,000 अमरीकी डॉलर में इस तकनीक का लाइसेंस एपल को दे दिया.

एक अनुमान के मुताबिक अब तक कम से कम एक अरब कंप्यूटर माउस बेचे जा चुके हैं.

पुरस्कार

इसके अलावा एंजेलबर्ट ने अपने प्रसिद्ध अविष्कारों के लिए कई और डिजाइन तैयार किए. इसमें एक ऐसी डिवाइस शामिल है जिसे एक मेज के नीचे लगाया जा सकता था और घुटनों की मदद से चलाया जा सकता था.

उन्हें पूरा भरोसा था कि कंप्यूटर का इस्तेमाल इंसानों की बुद्धि को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है.

एंगेलबार्ट को 1997 में लेमेलसन-एमआईटी पुरस्कार मिला और साल 2000 में पर्सनल कम्प्यूटिंग की बुनियाद तैयार करने के लिए नेशनल मेडल फॉर टेक्नालॉजी से नवाजा गया.

वह वर्ष 2005 से कंप्यूटर हिस्ट्री म्यूजियम में फैलो थे. वह अपने पीछे पत्नी और चार बच्चों को छोड़ गए हैं.

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