खुशियों कर दास्तां बेटी की जुबानी  

बारिश की हल्की हल्की फुहारों से दिन का मौसम खुशनुमां बना हुआ था। मैं अपने पापा के ऑफिस के अंदर चली गई, यह मेरे लिए पहला मौका था जब मैं अपने पापा के ऑफिस आई। सभी लोग अपने अपने काम में बिजी थे। जैसे ही मैंने अपने पापा के पास आकर उन्हें हैपी फादर्स डे कहा तो वो अचानक मुझे देखकर चौक गए। मैंने फौरन उन्हें बुके पकड़ाया और उनके गले लग गई। मेरे पापा अभी भी समझ नहीं पाए की क्या हुआ है। जब उन्हें पता चला कि आज फादर्स डे है तो उनकी आंखे छलक आई और उन्होंने मेरे चेहरे पर अपने हाथ रख दिया, मैंने फील किया कि उनका हाथ कांप रहा है, लेकिन मुझे समझने में देर नहीं लगी कि यह कंपन उनके अंदर उमड़ती खुशियों का है। जो वह अचानक से एक्सप्रेस नहीं कर पा रहे। इसके बाद मैंने उन्हें केक खिलाकर गिफ्ट दिया और पूरे ऑफिस को भी आई नेक्स्ट की तरफ से पार्टी दी।

लाइफ का सबसे खास दिन

इस कांटेस्ट के लिए सिटी से भेजे गए हजारों मैसेजेज में से सर्वश्रेष्ठ चुने गए मैसेज भेजने वाले को आई नेक्स्ट ने अपने पापा को एक सरप्राइज पार्टी देने का मौका दिया। जिसके चलते सहस्त्रधारा रोड राजेश्वर नगर से ईशा डबराल को कांटेस्ट की विनर चुना गया.  ईशा डबराल एसजीआरआर मेंं डेंटल सर्जन है और पिता की तीन बेटियों में सबसे बड़ी है। ईशा के पापा राजेंद्र प्रसाद डबराल एमडीडीए में लेखपाल हैं। सरप्राइज योर डैड कांटेस्ट की विनर ईशा को आईनेक्स्ट ने अपने पापा को एक सरप्राइज पार्टी देने का मौका दिया। जिसके चलते ईशा ने अपने अपनी भावनाएं आई नेक्स्ट से बयां की। ईशा का कहना है कि उन्होंने अपने पापा को आज तक इस तरह का सरप्राइज गिफ्ट नहीं दिया था। इसलिए उनकी लाइफ का में आज का दिन काफी खास रहा।

यह मेरे लिए मेरी लाइफ का सबसे हसीन पल था। इस पल को खूबसूरत बनाने का पूरा क्रेडिट सिर्फ आई नेक्स्ट को जाता है, थैंक यू  आई नेक्स्ट।

-ईशा डबराल, विनर

एक पिता के रूप में मुझे आज सबसे प्यारा गिफ्ट मिला है, मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे ईशा जैसी बेटी मिली। यह सरप्राइज मुझे जिंदगी भर याद रहेगा। आई नेक्स्ट के इस दिल छूलेने के प्रयास के लिए मैं थैंक्स कहता हूं।

- राजेंद्र प्रसाद डबराल, ईशा के फादर