-डिफेंस स्टडीज के सेमीनार में चाइना पर बोले वक्ता

- इंडिया-चीन रिलेशन पर विशेषज्ञों ने दिए अपने वक्तव्य

Meerut: मेरठ कालेज के डिफेंस स्टडीज डिपार्टमेंट की ओर से आयोजित दो दिवसीय नेशनल सेमिनार का सोमवार को आखिरी दिन था। जिसमें विशेषज्ञों ने चाइना को लेकर अपने तर्क रखे। विशेषज्ञों ने चाइना की बढ़ती ताकत पर भी चिंता व्यक्त की। जिसमें उन्होंने कहा कि ग्लोबलाइजेशन के दौर में चाइना तेजी से बढ़ रहा है। दुनिया में उसकी सामरिक और आर्थिक प्रगति चिंता का विषय है। जिसको देखकर दूसरे देश चिंतित हैं। भारत के लिए भी चाइना चुनौती खड़ी कर रहा है। जिसके लिए आक्रामक विदेश नीति ही भारत के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

यह रहा सेमीनार

लास्ट डे इंडिया-चाइना रिलेशन पर विशेषज्ञों ने चीन और भारत के रिश्ते पर विस्तार से चर्चा की। टेक्निकल सेशन की अध्यक्षता कर रहे वायुसेना मुख्यालय नई दिल्ली से आए ग्रुप कैप्टन डॉ। आरके सिंह ने चीन के सामरिक क्षेत्र में हुई प्रगति की ओर ध्यान खींचा। इसके साथ ही मुंबई यूनिवर्सिटी के डॉ। संजय देशपांडे ने कहा कि मध्य एशिया में चीन का प्रभाव बढ़ रहा है। जिस तरह अमेरिका विश्व पर वर्चस्व स्थापित करने के लिए सैनिक व आर्थिक सहायता की नीति पर चल रहा है, उसी कदम पर चीन भी आगे बढ़ रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ व‌र्ल्ड अफेयर्स नई दिल्ली के डॉ। संजीव कुमार ने कहा कि भारत को पंचशील की अवधारणा पर चलकर रिश्तों को सामान्य बनाने का प्रयास करना चाहिए।

आक्रामक विदेश नीति

मेजर हिमांशु ने चीन के बढ़ते प्रभाव पर भारत द्वारा आक्रामक विदेश नीति अपनाने पर जोर दिया। कर्नल शांतनु राव ने भारत को चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और व्यक्तिगत आयामों पर आगे बढ़ते हुए संबंधों को सामान्य बनाने की बात कही। कहा कि अंतरराष्ट्रीय आयाम पर भारत चीन संबंधों पर अन्य राष्ट्र क्या सोचते हैं, भारत को उसी अनुरूप में राष्ट्रीय आयामों का भी सामंजस्य बनाना चाहिए। डॉ। केएन पांडेय ने सामरिक व आर्थिक आयाम पर प्रकाश डाला। सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू कश्मीर में नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के डीन प्रो। गोपाल मालवीय ने कहा कि भारत आर्थिक, सामरिक, मानव संसाधन सहित तमाम मोर्चे पर तेजी से उभर रहा है। वह किसी भी तरह से चीन से कमतर नहीं है। इसलिए चीन से डरने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक डॉ। संजय कुमार ने सेमिनार की सफलता के लिए सभी का आभार जताया। अन्य सहयोगी डॉ। अनुराग जायसवाल, सह संयोजक डॉ। नीलम कुमारी सहित अन्य विभाग के लोग रहे।