-केंद्र सरकार के निर्देशन में आबादी के अनुपात में दिया जाएगा इन्फ्रास्ट्रक्चर

-जल निगम ने तैयार की रिपोर्ट, नगर विकास विभाग की ओर से केंद्र को भेजी जाएगी

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ: मेरठ को शुद्ध पेयजल और सीवर-ड्रेनेज डिस्पोजल के सर्विस लेवल गैप का आंकलन किया जा रहा है। शहर की 14,86,303 आबादी के लिए पर्याप्त संसाधनों का निर्माण केंद्र सरकार की अमृत योजना से होगा। जल निगम को सर्विस लेवल गैप के आंकलन का जिम्मा दिया गया है। नगर निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

यह है स्थिति

13,05,429-जनगणना 2011 के मुताबिक मेरठ शहर की आबादी

1486303-2015 में मेरठ की आबादी (नगर निगम रिकार्ड में)

जलापूर्ति

- 1,01,745-कुल हाउसहोल्ड

- 53,911-वाटर सोर्सेस (पानी की पाइन लाइन) से सटे मकान

- 34,626-पाइप लाइन के नजदीक मकान

- 13,208-पाइप लाइन से दूर मकान

- 75 प्रतिशत-सीवर डिस्पोजल

- 25 प्रतिशत-सर्विस गैप

सीवरेज

जलापूर्ति

- 175-प्रतिदिन पानी की खपत (पर कैपिटा)

-157-ट्यूबवेल शहर में

- 1.65 एमएलडी-एवरेज ट्यूबेल डिस्चार्ज

- 259 एमएलडी-जलापूर्ति

- 100 एमएलडी-गंगाजल परियोजना से आपूर्ति

सीवरेज

- 531 किमी-मेरठ में सीवर लाइन

- 1732 किमी-डिमांड (2017)

- 964 किमी-गैप

इंफ्रास्ट्रक्चर

11एसटीपी -96 एमएलडी (एमडीए)

1एसटीपी-72 एमएलडी (नगर निगम)

डिमांड

- 163 एमएलडी-सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

- 49.37 प्रतिशत-जलापूर्ति और डिमांड में गैप

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2021 तक पूरे करने होंगे गैप्स

केंद्र सरकार के निर्देश में तैयार हो रही गैप रिपोर्ट के बाद प्रोजेक्ट पेयजल और सीवरेज प्रोजेक्ट लांच किए जाएंगे तो 2021 तक पूरे करने होंगे। मेरठ सीवरेज के लिए कम्प्रेहेन्सिव स्कीम में 9 जोन के लिए प्रपोजल्स भी जल निगम में तैयार कर लिए हैं। इसी प्रकार सभी जोन में करीब 200 किमी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का इस्टीमेट बनाया है। नगर निगम के निर्देशन में वाटर सप्लाई और सीवरेज डिस्पोजल के प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का काम जल निगम ने आरंभ कर दिया गया है।

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सर्विस गैप को लेकर केंद्र सरकार के निर्देशन में वाटर सप्लाई और ड्रेनेज-सीवरेज डिस्पोजल के लिए सर्वे चल रहा है। अमृत योजना के तहत मेरठ की जनता को पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।

-भारत भूषण, परियोजना अधिकारी, मेरठ पेयजल योजना, जल निगम

- केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत शहर की आबादी को समग्र पेयजल और सीवरेज योजनाएं दी जाएंगी। जल निगम को एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

मनोज कुमार चौहान नगर आयुक्त