छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि इस दिन को राज्य भर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ये फ़ैसला संत आसाराम बापू की सलाह पर किया है। रमन सिंह ने ये घोषणा महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के संगम पर आयोजित राजिम कुंभ के एक कार्यक्रम में की। कुंभ के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह संत आसाराम बापू के सत्संग समारोह में शामिल हुए थे।

राजिम कुंभ

इस दौरान आसाराम बापू ने 14 फरवरी को माता-पिता पूजन दिवस के रूप में मनाए जाने का आग्रह किया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया। इस दौरान राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद शनिवार को राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी करके सभी ज़िला कलेक्टरों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को सूचित किया कि इस दिन को स्कूलों में एक त्योहार के रूप में मनाया जाए।

कार्यक्रम के मुताबिक 14 फरवरी को स्कूलों में विद्यार्थियों के अलावा अभिभावकों को भी बुलाया गया है जहां विद्यार्थी विधि-विधान से अपने माता-पिता की पूजा करेंगे और उन्हें फूल अर्पित करेंगे।

इस दौरान सभी बच्चों को श्रवण कुमार की कहानी भी सुनाई जाएगी, जिन्हें धर्मशास्त्रों में आज्ञाकारी पुत्र का प्रतीक माना जाता है। हालांकि सरकार के इस फ़ैसले की कई निजी स्कूलों ने आलोचना की है।

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