- कहा, हसबैंड वाइफ अब नहीं शेयर करते फीलिंग्स, जिससे क्रिएट हो रही प्रॉब्लम्स

BAREILLY:

फंस गए रे ओबामा, मसान, सारे जहां से महंगा, गोलमाल, धमाल, ग्रेट ग्रांड मस्ती समेत सैकड़ों बॉलीवुड मूवीज में अपने किरदार से दर्शकों का ठहाके लगाने पर मजबूर कर देने वाले फेम कॉमेडियन संजय मिश्रा बरेली में मौजूद रहे। हाल ही में रिलीज होने वाली नई मूवी 'अंग्रेजी में कहते हैं' के प्रमोशन के लिए सैटरडे को वह मूवी के सभी डायरेक्टर और कास्ट के साथ बुखारा स्थित आईटीबीपी कैंपस में मौजूद रहे। जो संडे को आईटीबीपी में ऑर्गनाइज होने वाले बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम 2018-19 में शिरकत करेंगे।

मूवी में जीता हूं रियल लाइफ

प्रेसवार्ता के दौरान संजय मिश्रा ने कहा कि वह मूवी में रियल लाइफ जीते हैं। आम जिंदगी को वह कॉमेडी की तरह जीते हैं जो मूवीज में नजर आता है। बताया कि प्रजेंट टाइम में आम आदमी के व्यस्ततम जीवन में हंसना दूभर है लेकिन यह उनकी सफलता है जब लोग कहते हैं कि आपकी कॉमेडी देखकर वह हंसते हंसते लोटपोट हो गए। कहा कि क्रिकेट के लोग फैन हैं। लेकिन यह दोनों ही अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। क्रिकेट के स्टार्स एडवरटीजमेंट के जरिए उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं जबकि वह युवाओं के रोल मॉडल हैं। उनपर देश के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी है। जो वह नहीं निभा रहे हैं।

भटका हुआ है सिनेमा, सुधर रहा

कहा कि पहले की मूवीज में पेड़ के इर्द गिर्द घूमते युगल से शुरुआत और विलेन को मारने के साथ फिल्म खत्म होती है। यह मिथक लंबे समय तक रहा। युवाओं को भटकाने में सिनेमा का अहम रोल रहा। बताया कि अगर वह अपनी जिम्मेदारी सही से निभाता तो आज देश की दिशा और दशा कुछ और होती। कहा कि सिनेमा पर देश के भविष्य की सोच को बदलने की ताकत है। हीरो रोल मॉडल बन रहे हैं ऐसे में अगर सिनेमा चाहे तो वह युवाओं को दिशा दे सकता था पर उसने जिम्मेदारी नहीं निभाई। कहा अब बदलाव दिख रहा है। मूवीज में रियल लाइफ फैक्ट्स को आधार बनाकर मूवीज बन रही हैं। 'अंग्रेजी में कहते हैं' के जरिए मिडल क्लास फैमिली की जद्दोजहद और उससे उबरने का तरीका सुझाया गया है।

फैमिली में शेयर हो फीलिंग्स

कहा कि प्रजेंट टाइम में पेरेंट्स फीलिंग्स शेयर करने के बजाय एकदूजे से टकराव की स्थिति में हैं। हर बात पर नोंकझोंक और डेली रूटीन फॉलो कर रहे हैं। जिसे सही नहीं कहा जा सकता है। मूवी में कास्ट एक्टर अंशुमान झां, शिवानी रघुवंशी, एकावली खन्ना, स्क्रीन प्ले डायरेक्टर हरीश व्यास ने फैमिली की रियलिटी को पर्दे पर रेखांकित करने का प्रयास किया है। कहा कि आफ्टर मैरिज मैरिटल अफेयर्स होने की बड़ी वजह है पार्टनर्स के साथ निगेटिव बिहैवियर। जिसे मूवी के जरिए सुलझाने का प्रयास किया है। कहा कि फैमिली में हसबैंड वाइफ एकदूजे के साथ अपनी फीलिंग्स अगर शेयर करें तो कई प्रॉब्लम्स से बच सकते हैं। प्रेसवार्ता के दौरान कास्ट के अलावा आईटीबीपी उपमहानिरीक्षक एपीएस निम्बाडिया, कमल जैदी मौजूद रहे।