-कमिश्नर ने फीस कंट्रोल को लेकर मंडलीय समिति की मीटिंग में दिए सख्त निर्देश

-स्कूलों से पिछले 4 वर्षो की फीस का रिकॉर्ड व बैंक स्टेटमेंट मांगे गए

BAREILLY: फीस अध्यादेश लागू हुए दो महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक न तो किसी स्कूल पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही किसी भी स्कूल ने बढ़ी हुई फीस वापस की है। इसको लेकर मंडलीय कमेटी और डिस्ट्रिक्ट कमेटी की लगातार किरकिरी हो रही है। थर्सडे को कमिश्नर ने मंडलीय समिति की मीटिंग बुलाई। कमिश्नर ने मीटिंग में साफ कह दिया है कि जिन सीबीएसई, आईसीएसई स्कूलों ने अभी तक रिकॉर्ड नहीं दिया है और वसूली गई अधिक फीस वापस नहीं की है, उनके खिलाफ अब कार्रवाई होगी। कमिश्नर के निर्देश पर डीआईओएस ने सभी स्कूलों से 7 जुलाई तक पिछले 3 वर्षो का फीस रिकॉर्ड व बैंक स्टेटमेंट मांगी है। 7 जुलाई के बाद रिकॉर्ड न देने वाले स्कूलों पर एक्शन होगा।

4 स्कूलों ने नहीं दिया रिकॉर्ड

मीटिंग में बताया गया कि मंडल के प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट में प्राइवेट स्कूलों से उनकी फी स्ट्रक्चर का रिकॉर्ड 2 जुलाई तक मांगे गए थे। रिकॉर्ड के परीक्षण के बाद ही कार्रवाई होनी थी लेकिन बरेली डिस्ट्रिक्ट में एक स्कूल और पीलीभीत में तीन स्कूलों ने कोई रिकॉर्ड पेश नहीं किया है। कमिश्नर ने इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिन स्कूलों ने रिकॉर्ड दे दिए हैं, उनका डीआईओएस व उनके अकाउंटेंट के द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। कमिश्नर ने इसकी रिपोर्ट मांगी है।

स्कूल में प्रदर्शित करें फीस स्ट्रक्चर

परीक्षण के बाद जिन स्कूलों ने अध्यादेश के खिलाफ जाकर अधिक फीस वसूली है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। यही नहीं अधिक फीस को रिटर्न या फिर एडजस्टमेंट कराया जाएगा। अध्यादेश के मानकों के बारे में सभी को लिखित में दिया जा चुका है, ताकि कोई बहानेबाजी न बना सके। कमिश्नर ने कहा है कि स्कूल अपना फीस स्ट्रक्चर इंटरनेट पर, स्कूल ब्रॉसर में व स्कूल कैंपस में प्रदर्शित करें, ताकि पेरेंट्स इस बारे में जान सकें। मीटिंग में ज्वॉइंट डायरेक्टर एजुकेशन डॉ। अंजना गोयल, चार्टर अकाउंटेंट योगेश कुमार अग्रवाल, स्थानीय निधि लेखा परीक्षा के उपनिदेशक वीके जैन, पेरेंट्स एसोसिएशन के शालिनी शर्मा, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी प्रभाकर शर्मा व स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर फीस वृद्धि का मानक

-वर्ष 2015-16 में 9.83 परसेंट तक वृद्धि

-वर्ष 2016-17 में 8.89 परसेंट तक वृद्धि

-वर्ष 2018-19 में 9.28 परसेंट तक वृद्धि

स्कूलों से मांगा गया रिकॉर्ड

-स्कूलों की वर्ष 2015-16 से वर्ष 2017-18 तक की ऑडिट रिपोर्ट

-बच्चों के स्कूल की फीस जो स्कूल के अकाउंट में जमा हुई है

-वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक बैंक स्टेटमेंट

-बच्चों से प्राप्त फीस की फोटोकॉपी

-स्कूलों के टीचर, अन्य कर्मचारियों के सैलरी बैंक स्टेटमेंट के साथ