- निजी मेडिकल-डेंटल कालेजों की फीस निर्धारण प्रक्रिया शुरू

- ब्यौरा न देने वाले कालेजों का नहीं सुना जाएगा पक्ष

LUCKNOW : प्राइवेट मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की लगातार बढ़ रही फीस पर लगाम लगेगी। इसके लिए सरकार की ओर से फीस निर्धारण प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। 22 जुलाई तक संस्थावार आकलन कर फीस तय होगी। इस दौैरान कई बार नोटिस के बाद भी खर्चे का ब्यौरा न देने वाले कालेजों का पक्ष नहीं सुना जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी

प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए पहले से ही नेशनल कम एंटरेंस टेस्ट (नीट) के माध्यम से ही एडमिशन की अनिवार्यता कर दी गई है। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इन निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारण की प्रक्रिया भी नए सिरे से शुरू कर दी है।

निजी कॉलेज बना रहे हैं दबाव

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो निजी कॉलेज प्रदेश सरकार पर दबाव बनाकर अधिकाधिक शुल्क निर्धारण कराने की कोशिश में लगे हैं। ये कॉलेज फीस निर्धारण प्रक्रिया को टालने में लगे हुए हैं शायद इसी कारण से जब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने फीस निर्धारण के लिए इन कालेजों से आय-व्यय का ब्यौरा मांगा तो कई बार तिथि बढ़ाने व नोटिस देने के बावजूद बीस कालेजों ने कोई ब्यौरा नहीं दिया। जिसके बाद अब शासन ने अपने स्तर पर कॉलेजों का की फीस निर्धारण प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा इस मामले में शनिवार को बैठक भी करेंगे।