RANCHI : स्कूल संचालक और बस ऑपरेटर अब किराए को लेकर मनमानी नहीं कर सकेंगे। राजधानी में संचालित स्कूलों की बसों का किराया निर्धारित कर दिया गया है। मंगलवार को डीसी की अध्यक्षता में फीस रेगुलेटरी कमिटी की मीटिंग में 5 किमी दूरी तक के लिए 710, 5 से 10 किमी दूरी के लिए 985 और 15 किमी दूरी तक के लिए 1050 रुपए बस किराया तय करने का प्रस्ताव पारित किया गया। डीसी मनोज कुमार ने बताया कि प्रस्ताव में बस भाड़ा का निर्धारण सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर किया गया है। बैठक में डीटीओ नागेंद्र पासवान, जेवीएम श्यामली स्कूल के प्रिंसिपल एके सिंह, अभिभावक मंच के महासचिव अजय राय, सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रिंसिपल फादर अजीत खेस आदि तमाम लोग मौजूद थे।

2008 से हो रही थी मांग

बस भाड़ा का निर्धारण किलोमीटर के स्लैब में तय किया गया है। बस भाड़ा निर्धारित करने की मांग अभिभावक मंच साल 2008 से ही कर रहा है, लेकिन स्थायी बैठक नहीं होने की वजह से किराया निर्धारित नहीं हो पा रहा था। बस फेयर निर्धारित होने से राजधानी के 2 लाख से भी अधिक पैरेंट्स को राहत मिली है। निजी स्कूलों में बस किराए के नाम पर मनमानी राशि वसूली जा रही थी।

ओवल लोडिंग पर लगेगा लगाम

जिला परिवहन पदाधिकारी की ओर फीस रेगुलेशन कमिटी की मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा गया कि स्कूली बसों में किसी भी परिस्थिति में बच्चों की ओवर लोडिंग नहीं होगी। इसे सभी स्कूल सख्ती से लागू करेंगे। एमवीआई एक्ट के तहत ही सभी स्कूलों को बसों की कैपिसिटी और बच्चों को बसों में ढोने की जानकारी दी जाएगी। ओवर लोडिंग की स्थिति में स्कूल बसों पर दंडात्मक कार्रवाई भी करने का बात कही गई है।

बीपीएल बच्चों को नहीं लगेगा किराया

राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत निजी स्कूलों में नि:शुल्क नामांकन के बाद पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का बस किराया नहीं लगेगा। एसएन सिन्हा इंस्टीट्यूट रांची के निदेशक एनपी सिंह के द्वारा बीपीएल परिवार के बच्चों को मुफ्त में बस ले जाने जाने की जानकारी ली गई। झारखंड में शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत लागू है। जिसमें 25 फीसदी बीपीएल परिवार के बच्चों को नामांकन सभी विद्यालयों को करना है, बैठक में सहमति बनी कि आरटीई के तहत बच्चों को फीस से मुक्त करने के साथ ही बस भाड़ा से भी मुक्त किया जाएगा। अभिभावक मंच के प्रतिनिधि अजय राय द्वारा जेट की ओर से पारित आदेश का अनुपाल सभी निजी स्कूलों में कराने का प्रस्ताव रखा गया।

11 महीने का ही अब देना होगा किराया

फीस रेगुलेटरी कमिटी में यह तय हुआ कि निजी स्कूलों में अब बच्चों को 11 महीने का ही बस किराया देना होगा। समर वैकेशन के दौरान स्कूल बस लिए किराया नहीं लगेगा। अगर किसी स्कूल द्वारा इसका उल्लंघन किया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सब कमिटी की मीटिंग में यह भी सहमति बनी कि सभी निजी स्कूल इसे फॉलो करेंगे। कमिटी के इस फैसले से करीब दो लाख अभिभावकों को राहत मिलेगी।