आई स्पेशल

-गोरखपुर जोन की पहली महिला कांस्टेबल ड्राइवर हैं रेखा

-होमगार्ड विभाग से आवेदन करके बनी ड्राइवर

arun.kumar@inext.co.in

GORAKHPUR: यूपी-100 के जिस पीआरवी को चलाने के लिए कई पुरुष कांस्टेबल जान-बूझकर फेल हो गए थे, उसे चलाने के लिए खुद आगे आकर एक महिला कांस्टेबल मिसाल बन गई है। गोरखपुर शहर के कैंट इलाके में चलने वाली यूपी 100 की पुलिस रिस्पांस वैन को महिला होमगार्ड रेखा दौड़ा रही हैं। 100 नंबर पर आने वाली सूचना पर भीड़ को चीरती हुई पुलिस पहुंच रही है। शहर में यूपी 100 की वैन में महिला ड्राइवर को देखकर लोगों का हैरत में पड़ना लाजिमी है। लेकिन होमगार्ड विभाग की रेखा यूपी पुलिस की डायल 100 की योजना में एक अलग पहचान बना रही हैं। गोरखपुर जिले के साथ वह पूरे जोन के लिए नजीर बन गई हैं।

खुद सीखा फोर व्हीलर चलाना

कुशीनगर जिले के अहिरौली एरिया के खुरहुरिया गांव की रेखा बचपन से पुलिस में जाना चाहती थीं। वर्ष 1999 में वह होमगार्ड जवान बन गई। होमगार्ड की ट्रेनिंग लेकर वह थानों की ड्यूटी करने लगीं। इस बीच मौका निकालकर उन्होंने फोर व्हीलर चलाना सीख लिया। व्यक्तिगत जरूरतों पर वह खुद गाड़ी चलाकर कहीं आती-जाती थीं। लेकिन उनको भी नहीं पता था कि ये हुनर एक दिन उनके काम आएगा। यूपी 100 योजना शुरू होने के पहले पुलिस विभाग से वाहन चलाने वालों की डिटेल मांगी गई। पुलिस के साथ-साथ होमगार्ड विभाग को भी लिखित सूचना दी गई। डायल-100 की गाड़ी चलाने का मौका सामने आने पर जिला कमांडेंट की सहमति से रेखा ने आवेदन कर दिया।

एग्जाम पास किया तो बढ़ा हौसला

यूपी 100 की गाडि़यां चलाने के लिए आवेदन करने वाले ड्राइवर के लिए टेस्ट हुआ। होमगार्ड विभाग से आवेदन करने वाले 67 जवानों के बीच रेखा पीएसी परेड ग्राउंड में परीक्षा देने पहुंचीं। एग्जाम में पास होने पर रेखा सहित कुल 58 लोगों का सेलेक्शन हुआ। इसके बाद रेखा की ट्रेनिंग कराई गई। ट्रेनिंग के बाद उनको पीआरवी 0318 पर तैनाती मिली।

12 घंटे की ड्यूटी से खुश रेखा

कैंट एरिया में पीआरवी पर चलने वाली रेखा दो बच्चों की मां हैं। रेखा का कहना है कि पीआरवी में तैनाती के बाद से थानों पर चक्कर लगाने के झंझट से मुक्ति मिल गई है। 12 घंटे की ड्यूटी के बाद वह अपना पूरा समय परिवार के सदस्यों को दे पाती हैं। एक तो उनको ड्यूटी लगवाने के लिए सिफारिश करने से फुर्सत मिल गई है। दूसरे अतिरिक्त भत्ता मिलने से उनको आर्थिक मदद भी मिल सकेगी।

वर्जन

यह महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। रेखा के कदम से महिलाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। पुलिस विभाग के लिए बहुत अच्छी बात है। इससे अन्य महिला कांस्टेबल्स को प्रेरणा मिलेगी।

-मोहित अग्रवाल, आईजी जोन

मैंने गाड़ी चलाना सीखा था। जब विभाग में बताया गया तो आवेदन कर दिया। एग्जाम में पास होने पर मुझे गाड़ी चलाने का मौका मिला। इससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। मैं यूपी 100 में आकर बहुत खुश हूं।

-रेखा, महिला होमगार्ड जवान