- त्योहार आते ही शहर में सक्रिय हुए मिलावटखोर

- मार्केट में खोया, ड्राईफ्रूट्स, मैदा और तेल तक आ रहा है नकली

LUCKNOW: होली के चलते घर-घर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए खरीदारी की शुरुआत भी हो चुकी है। कहीं खोया खरीदा जा रहा है तो कहीं पर गिफ्ट करने के लिए ड्राई फ्रूटस। ऐसे में मार्केट में मोटी कमाई के लिए लोग नकली आइटम बेचने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। हाल यह है कि खोया ही नहीं बल्कि तेल, मैदा और ड्राई फ्रूट्स तक खराब क्वालिटी के आ रहे हैं। पर, यदि जरा सी सावधानी से काम लिया जाए तो आप नकली आइटम खरीदने से बच सकते हैं।

सबसे अधिक डिमांड खोया की

होली के समय हर घर में दूध और खोया की डिमांड सबसे अधिक रहती है। ऐसे में दूध और खोया की खरीदारी करने से पहले कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

ऐसे करें दूध की जांच

दूध में मिलावट है या नहीं इसकी जांच करने के लिए जो दूध खरीदा है, उसमें से थोड़ा दूध लेकर उसमें नीबूं की कुछ बूंदे डाल दें और फिर उबाले। अगर दूध फटा नहीं तो यह नकली है। असली दूध फर्श पर कभी जमता नहीं या फिर यूं कहें कि जिस जगह दूध गिर जाए वह हिस्सा सफेद नहीं होता। ऐसे में दूध की कुछ बूंदों को फर्श पर गिरा कर इसकी जांच की जा सकती है। कच्चे दूध में एल्कोहल और रोजेलिक एसिड मिलाए और यदि 30 सेकेंड में इसका रंग बदल जाए तो इसमें मिलावट होती है। पांच मिली कच्चे दूध में दो ब्रोमोक्रिसाल मिलाने पर रंग नीला हो जाए तो दूध में डिटर्जेट पाउडर मिलने की संभावना अधिक रहती है।

ऐसे पहचाने असली खोया

खोया जांचने के लिए थोड़ा खोया लेकर हथेली में मसले। खोया तुरंत बिखर जाएगा। वहीं जिस खोया में शकरकंद और आलू मिला होगा वह चिपचिपाने लगेगा, लेकिन बिखरेगा नहीं। कई बार गाय या देशी खोया के नाम पर हल्के लाल रंग का खोया भी मार्केट में बेचा जाता है। इसकी क्वालिटी चेक करने के लिए इसमें थोड़ा पानी डाल सकते हैं। कलर छूटने के साथ ही खोया की क्वालिटी सामने आ जाएगी।

अगर पनीर बिखरा तो नकली

कुछ ऐसा ही हाल पनीर का भी है। पनीर को लेकर हाथ में मसले और वह बिखर जाए तो नकली है। उसमें मिलावट की संभावना रहती है।

मैदा में भी हो रहा खेल

मैदा में भी जमकर मिलावट की जा रही है। मैदा में आरारोट और चावल का आटा तक मिक्स किया जा रहा है। चावल का आटा डालने से जहां उसका वजन बढ़ रहा है, वहीं आरारोट मिलाने से उसमें चमक आ जाती है। मैदा को टेस्ट करने पर ही पता चल जाएगा। चावल या आरारोट का टेस्ट आते ही पता चल जाएगा यह मिलावटी है

ड्राईफ्रूट्स भी नहीं सेफ

ड्राईफ्रूट्स में सबसे अधिक किशमिश, पिस्ता और छुआरे में मिलावट की संभावना रहती है। इसमें भी सबसे अधिक मिलावट पिस्ते में रहती है। हाल यह है कि पिस्ते में मोमफली के दाने तक प्रयोग किये जा रहे हैं। दोनों के साथ पिस्तों को पॉलिश भी किया जाता है। छुआरे में भी जमकर पॉलिश चलती है। ऐसे में पिस्ता और छुआरा लेने पर उसे अंगुलियां से हथली पर मसलेंगे तो उसमें से कलर छूटता है। किशमिश में अंगूर को सूखाकर बेचा जाता है। थोड़ा सा ध्यान देने पर पता चल जाता है कि किशमिश में मिलावट है। वैसे तो किशमिश हरे रंग की बंद पैकेट में आती है, लेकिन बहुत दिनों के बाद इनका रंग भूरा हो जाता है। जबकि अंगूर के सूखे हुए जो टुकड़े इसमें मिलाए जाते हैं, उनका रंग काला रहता है। ऐसे में जिस किशमिश में काले रंग के दाने अधिक हो, उससे बचना चाहिए।

तेल में लहसुन का हो रहा यूज

तेल की मिलावट को पकड़ना आसान नहीं होता है। जबकि त्योहार के सीजन को देखते हुए कानपुर से मिलावटी तेल तेजी से आ रहा है। तेल में झाग और खुशबू मिलाने के लिए लोग उसमें लहसुन तक पीस कर डाल देते हैं। ऐसे में इसे जन सामान्य के लिए पकड़ पाना आसान नहीं होता है। ऐसे में सिर्फ अच्छा तेल ही खाने के लिए रीदें।

जिन आइटमों में मिलावट की संभावना अधिक रहती है, उसके सैम्पल हर साल भरे जाते हैं। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को कहीं मिलावट लगती है तो वह हमें सूचित कर सकता है। साथ ही लोग प्राइवेट जांच भी करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें जांच कराने का निर्धारित शुल्क देना होगा। जो सैम्पल लिया गया है, उसके खराब साबित होने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

एसपी सिंह,

सीएफएसओ, एफएसडीए