-अब तक 44 लोगों की हो चुकी है बुखार से मौत

-लखनऊ की टीम ने जिस गांव में लिए सैम्पल, उसी गांव में हुईं चार मौतें

-बीस मिनट में दवाइयां बांट कर विदा हो गई बरेली की टीम

विशारतगंज(आंवला):

जिले में रहस्यमय बुखार से मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। ट्यूजडे को बिशारतगंज, आंवला और अलीनगर में बुखार से आठ और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही बुखार से मरने वालों का आंकड़ा 44 तक पहुंच चुका है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग बुखार से मौतों का सिलसिला रोकना तो दूर बुखार का कारण तक पता नहीं लगा सका है। ट्यूजडे को स्वास्थ्य विभाग की लखनऊ और बरेली की टीमें प्रभावित गांवों में पहुंची, लेकिन दोनों टीमें कुछ लोगों के ब्लड सैंपल लेकर और कुछ लोगों को दवाएं बांटकर लौट गई।

एक दिन पहले हुई थी 12 मौत

बुखार से ट्यूजडे को आठ और लोगों की जान चली गई। इसके साथ एक दिन पूर्व इसी क्षेत्र में 12 लोगों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग भी इन मौतों को रोकने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रहा है। आंवला के ग्राम अलीनगर में पोशाकी लाल (45) की बुखार से मौत हो गई। तीन दिन पूर्व उन्हें बुखार आया था।

बिशारतगंज में 5 की गई जान

विशारतगंज क्षेत्र में सर्वाधिक पांच मौतें बुखार के कारण हुईं। यहां परग्राम बेहटा में पूरन देई (68) पत्नी तोताराम, अलीजा (03), चम्पा (65), मंतशा (10) तथा इसी क्षेत्र के ग्राम दसीपुर में लक्ष्मी पत्नी अमर सिंह की बुखार से मौत हो गई। अकेले ग्राम बेहटा में ही अब तक 12 लोग बुखार का शिकार हो चुके हैं।

अलीगंज में भी कहर

अलीगंज क्षेत्र के ग्राम लोहारी की निर्मल देवी पत्नी शेर सिंह की मृत्यु बुखार से हो गई है। वह रक्षाबंधन पर मायके बिहारीपुर में आई थीं। यहीं पर उन्हें बुखार आ गया। ट्यूजडे को उनकी मौत हो गई। अलीगंज क्षेत्र में एक सप्ताह में दस लोगों को बुखार ने निगल लिया। यहां खैलम के सलमान, जीशान अलीगंज के किशनलाल, बीबनी के मुकेश व रचित बिहारी पुर की सीता व नन्ही देवी तथा मंडोरा के छोटे मौर्य, सोमवती व मझली बुखार का शिकार हो चुके हैं।

सीएचसी पर बढ़ी भीड़

क्षेत्र के ग्राम सिरोही में ट्यूजडे को कनीजा पत्नी अकबर की बुखार से मौत हो गई। पूरे क्षेत्र में बुखार का प्रकोप है। सीएचसी पर दवा लेने वालों की लम्बी कतारें लग रही हैं लेकिन उसके बाद भी प्रत्येक गांव में बीमारों की संख्या कम नहीं हो रही है। भमोरा क्षेत्र में छह दिन में आठ मौतें बुखार से हो चुकी हैं। मंडे रात सत्यपाल की बुखार से मौत हुई। इससे पहले मिलक मझारा में पप्पू, प्रेमराजपुर में यादराम, देवचरा में प्रेमा व अनामिका, कुड्डा में दयावती, भमोरा में सरिता तथा तजपुरा में धर्मवीर बुखार का शिकार हो चुके हैं।

आधा घंटा ही गांव में रुकी टीम

जानलेवा बुखार से लगातार हो रही मौतों पर गंभीर हुए स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ व बरेली से जांच के लिए टीमें भेजीं, लेकिन ये टीमें सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति कर वापस चली गई। लखनऊ की टीम ने ग्राम बेहटा में लगभग डेढ़ घंटे का समय दिया तो वहीं बरेली की टीम 20 मिनट में दवाइयां बांटकर विदा हो गई। खास बात यह है कि टीम ने बिशारतगंज क्षेत्र के ग्राम बेहटा बुजुर्ग को जांच के लिए चुना। ट्यूजडे को इसी गांव में बुखार से चार लोगों की मौत हो गई। इससे पूर्व ही इस गांव में कई लोग रहस्यमय बुखार का शिकार हो चुके हैं। दोनों टीमों के किसी भी सदस्य ने मृतकों के यहां जाकर जानकारी करने की कोशिश नहीं की। लखनऊ टीम के डॉ.आरके मिश्रा ने बताया कि कुछ लोगों के खून के नमूने लिए गए हैं। इन्हें लखनऊ लैब में जांचा जाएगा। बताया कि डेंगू, स्वाइन फ्लू व मलेरिया आदि की जांच कराकर शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट सीएमओ बरेली को दी जाएगी। उन्होंने गांव के काली चरन सुरेश, दानिश आदि के खून के नमूने लिए। टीम में डा। आरके मिश्रा जेडी संक्रामक रोग नियंत्रण लखनऊ, सीनियर मेडिकल ऑफीसर संचारी रोग डा। अभिषेक मिश्रा, महामारी अध्ययन के राजेश सिंह व कीट विशेषज्ञ विपिन कुमार रहे। उन्होंने गांव के लोगों से समस्या के विषय में जानकारी ली।

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एडी हेल्थ को आशाओं ने घेरा

आंवला : बुखार से हो रही मौतों के मामले में जानकारी करने अपर निदेशक डॉ। एपी अग्रवाल स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सीएचसी मझगवां पहुंचे। उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की। बाद में आशा कर्मियों ने अपनी समस्याओं को लेकर उनका घेराव किया।

दवाएं न देने का आरोप

आशाओं का कहना था कि उन्हें दवाएं नहीं दी जाती हैं। सीएचसी पर शौचालय भी बंद रखे जाते हैं। इसी दौरान एडी हेल्थ ने आशाओं से हीमोग्लोबिन, बच्चे के वजन, नाल, तथा मदर केयर संबंधी सवाल पूछे तो एक भी आशा उनके उत्तर नहीं दे पाई। उन्होंने आशाओं की जमकर फटकार लगाई।

बेहटा से 20 मिनट में सरके

एडी बेसिक ग्राम बेहटा भी पहुंचे, लेकिन कुछ ही देर बाद एक जरूरी मी¨टग की बात कहकर वहां से चले गए। उनके जाते ही उनकी टीम भी मात्र 20 मिनट में दवा बांटकर खिसक ली। गांव में दवा प्राप्त करने के लिए मस्जिद से ऐलान कराया गया तो लोग दवा लेने पहुंचे। टीम में जेडी डा। हरीश चन्द्रा, डा। दीपक मोलोजिस्ट तथा चिकित्सा प्रभारी डा। वैभव राठौर भी मौजूद रहे।