- अब अभिभावकों को जाना होगा स्कूल

- बच्चों के स्कूल न जाने पर ली जाएगी जानकारी

- वार्षिक कैलेंडर में पूरे साल का रहेगा डाटा

Meerut- शिक्षा के प्रति बच्चों व अभिभावकों को जागरूक करने के लिए शासन की ओर से निरंतर नई पहल की जा रही है। जिसके तहत अब माध्यमिक शिक्षा परिषद व बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित विद्यालयों के प्रधानाचायर्रो को बच्चों की हाजिरी रोज चेक करनी होगी ताकि गैरहाजिर रहने वाले बच्चों का विवरण एकत्रित किया जा सके।

चिंतित है शासन

बता दें के शासन ने इस वर्ष पब्लिक स्कूलों की भांति सरकारी स्कूलों का नया सत्र भी जुलाई की बजाए गत वर्ष ही अप्रैल में ही शुरू करा दिया था। मगर स्कूलों में बच्चों की संख्या को कम होता देख शासन चितिंत है। शासन चाहता है कि विद्यालय केवल मिड-डे मील का ही केंद्र बनकर न रह जाए,बल्कि वहां अध्यनरत छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा प्रदान की जाए। इसलिए शिक्षा विभाग सभी स्कूल प्रबंधन समितियों को सक्रिय करने के साथ अभिभावकों की काउंसलिंग को भी प्रमुखता दे रहा है।

कैलेंडर में अंकित होगा

अभिभावकों की बैठक मौजूदा सत्र में ही कराने का प्रावधान है,लेकिन अधिकतर स्कूलों में बैठक नही हो पाती है। इसको देखते हुए अब अभिभावकों की काउंसलिंग को आवश्यक कर दिया गया है। अगर किसी भी कारण से बच्चा पांच दिन तक स्कूल नहीं आता है तो विद्यालय प्रबंधन समिति को दिया गया वार्षिक कैलेंडर में उसको अंकित किया जाएगा।