- डीजीडीई द्वारा सीबीआई जांच को पेंड करने के बाद लिया मेंबर्स ने निर्णय

- कई बार उठ चुका है फाइबर केबल का मुद्दा

<- डीजीडीई द्वारा सीबीआई जांच को पेंड करने के बाद लिया मेंबर्स ने निर्णय

- कई बार उठ चुका है फाइबर केबल का मुद्दा

Meerut

Meerut : कैंट के इलाकों में पिछले दिनों पड़े फाइबर केबल का मामला कैंट बोर्ड के अधिकारियों के फांस बनता जा रहा है। भले रक्षा संपदा निदेशालय के डायरेक्टर जनरल ने इसकी सीबीआई जांच को रोक दिया हो, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं कि मामला पूरी तरह से ठंडा हो गया है। अब कैंट बोर्ड के मेंबर्स इस मामले को सीधे रक्षा मंत्रालय में ले जाने की प्लानिंग कर रहे हैं। अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर मेंबर्स सीधे अरुण जेटली से मिलकर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेंगे।

कैंट बोर्ड ठंडा, मेंबर्स नहीं

सीबीआई जांच के पेंड होने से भले ही कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया हो। लेकिन बोर्ड मेंबर्स इस मूड में बिल्कुल नहीं है। मेंबर्स का शुरुआत से ही मानना रहा है कि इस पूरे मामले कैंट बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत रही है। साथ अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने का पूरा काम किया जा रहा है। इसलिए मेंबर्स इस मुद्दे को बिल्कुल भी ठंडा करने के मूड में नहीं है।

रक्षा मंत्रालय में जाएंगे

मेंबर्स अब इस मुद्दे को रक्षा मंत्रालय की ओर ले जाने के फिराक में हैं। डिफेंस मिनिस्टर अरुण जेटली से मिलकर इस पूरे प्रकरण पर विस्तार से चर्चा करने की पूरी प्लानिंग बनाई जा चुकी है। डिफेंस मिनिस्टर को दिए जाने वाले लेटर की ड्राफ्टिंग की जा रही है। जिसमें उन तमाम प्रकरणों का भी जिक्र किया जाएगा। जब मेंबर्स द्वारा फाइबर केबल डलने की सूचना देने के बावजूद कैंट बोर्ड की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

कई बार उठ चुका है मुद्दा

फाइबर केबल का सबसे पहला मामला अक्टूबर ख्0क्फ् में आया था। जब रिलायंस कंपनी शहीद स्मारक के पास केबल डालने की कोशिश कर रही थी। तब कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने सामान जब्त कर लिया था। बाद में कहा था कि वो लैंड कैंट बोर्ड की नहीं पीडब्ल्यूडी की है। उसके बाद वार्ड-म् के मेंबर ने कई इलाकों में फाइबर केबल डालने की शिकायत की। लेकिन कोई प्रोपर एक्शन नहीं लिया गया। बाद में फाइबर केबल को लेकर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। जिसके बाद कैंट बोर्ड के सीईओ ने इसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए डीजीडीई को लेटर लिखा था।

हम फाइबर केबल के मामले को रक्षा मंत्री के दरबार में लेकर जाएंगे। इस पूरे प्रकरण में अधिकारियों की मिलीभगत शामिल है। सीबीआई की जांच पेंड हो जाने इसे ठंडे बस्ते में नहीं जाने दिया जाएगा।

- जगमोहन शाकाल, अध्यक्ष, फाइनेंस कमेटी, कैंट बोर्ड