आई-स्पेशल

शासन को मिली रिपोर्ट के अनुसार हर जगह बंदरों का आतंक

-देहरादून, हरिद्वार में की गई है सबसे प्रभावी कार्रवाई

-वन विभाग के आंकडे़ पूर्व में संदेह के घेरे में रहे हैं

DEHRADUN: शहर-कस्बों में अपने आतंक से लोगों का जीना हराम करने वाले क्ब् हजार बंदरों को वन विभाग ने तड़ीपार कर दिया है। यानी शहर-कस्बों से हटाकर उन्हें जंगल में छोड़ा गया है। शासन को उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में यह जानकारी वन विभाग ने दी है। हालांकि पौधरोपण करने से लेकर अपने तमाम दूसरे कार्यक्रमों में वन विभाग जिस तरह से आंकडे़बाजी करता आया है, उसमें यह सूचना कितनी सच्ची और कितनी झूठी है, फिलहाल इसका अंदाज लगाना मुश्किल है।

कुमाऊं से ज्यादा गढ़वाल में बंदर

यूं तो पूरे प्रदेश में बंदरों का आंतक मचा हुआ है। लोगों को चोटिल करने से लेकर कई चीजों का नुकसान करने तक की सूचनाएं मिलती रहती हैं, लेकिन यदि आंकडे़वार देखा जाए, तो कुमाऊं के मुकाबले गढ़वाल में कहीं ज्यादा विकट स्थिति दिखाई दे रही है। क्ब् हजार पकडे़ गए बंदरों में से सिर्फ डेढ़ हजार कुमाऊं में पकडे़ गए हैं, बाकी गढ़वाल क्षेत्र से ही काबू में आए हैं।

सरकार के सामने उठी है समस्या

विधानसभा से लेकर सरकार के सामने भी कई बार बंदरों के आतंक का मामला उठ चुका है। वन मंत्री दिनेश अग्रवाल का ये ही कहना है कि बंदरों के आंतक से लोगों को निजात दिलाने के लिए बंदरबाड़ा से लेकर अन्य कदम उठाए जा रहे हैं।

किस मंडल में पकडे़ कितने बंदर

शिवालिक मंडल

हरिद्वार वन प्रभाग फ्8फ्8

देहरादून वन प्रभाग ख्0ब्भ्

चकराता वन प्रभाग 9फ्क्

लैंसडौन वन प्रभाग ख्भ्म्

मसूरी वन प्रभाग ख्ख्फ्

अपर यमुना बडकोट ख्0

टौंस वन प्रभाग क्7

कालसी वन प्रभाग क्ख्

गढ़वाल मंडल

नरेंद्रनगर वन प्रभाग फ्8भ्

उत्तरकाशी वन प्रभाग क्07क्

बद्रीनाथ वन प्रभाग ख्7ब्

रुद्रप्रयाग वन प्रभाग म्0क्

गढ़वाल वन प्रभाग क्भ्

टिहरी वन प्रभाग क्7फ्फ्

टिहरी डैम वन प्रभाग भ्ब्क्

भूमि संरक्षण प्रभाग भ्क्7

कुमाऊं मंडल

अल्मोड़ा वन प्रभाग ख्भ्0

चंपावत वन प्रभाग 8ख्

सिविल सोयम अल्मोड़ा-ब्म्

नैनीताल वन प्रभाग- क्ख्8

हल्द्वानी वन प्रभाग- क्फ्0

तराई पश्चिमी प्रभाग क्77

तराई केंद्रीय प्रभाग ब्9

बागेश्वर वन प्रभाग ब्ख्

रामनगर वन प्रभाग ख्म्भ्

भूमि संरक्षण प्रभाग फ्फ्9

पिथौरागढ़ वन प्रभाग 0फ्