- बेलीपार थाना में खूब हुआ हंगामा

- सीओ ने माफी मांगकर शांत कराया बवाल

GORAKHPUR: उत्तर प्रदेश पुलिस का चेहरा बदलने की कवायद हो रही है। रोजाना सीनियर अफसर अपने मातहतों को पब्लिक के साथ अच्छे व्यवहार की नसीहत दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि पब्लिक के साथ पुलिस फ्रेंडली व्यवहार करे। ताकि लोगों के मन में बैठा डर दूर हो। लोग बेखौफ होकर अपनी फरियाद सुनाने थाना जा सके। लेकिन अफसर इन कोशिशों पर पानी फेरने में लगे हैं। जिन थानों में पब्लिक के साथ मित्रवत व्यवहार की बातें हो रही। उन्हीं थानों में पुलिस कर्मचारियों की हरकतें शर्मसार कर रही हैं। शनिवार को समाधान दिवस पर बेलीपार थाना परिसर में जो कुछ हुआ। उससे एक बार फिर पुलिस की बदनामी हुई। थाना परिसर में दरोगा ने लेखपाल से विवाद कर लिया। आरोप है कि नशे में धुत दरोगा ने लेखपाल संघ के अध्यक्ष की जमकर फजीहत की। मामला बिगड़ने पर सीओ ने माफी मांगकर मामला शांत कराया।

देर से आने को लेकर हुइर् कहासुनी

शनिवार सुबह 10 बजे से समाधान दिवस था। बेलीपार थाना पर लेखपाल संघ के अध्यक्ष नीलकंठ दुबे की ड्यूटी थी। वह करीब 11.30 बजे थाना पहुंचे। रजिस्टर पर हाजिरी बनाने गए तो दरोगा श्रीनारायण द्विवेदी ने मना कर दिया। अपने कब्जे में रजिस्टर लेकर डेढ़ घंटे की देरी से आने पर ऐतराज जताया। लेखपाल ने बताया कि फील्ड में होने से देरी हुई। इस बात को लेकर दरोगा और लेखपाल में कहासुनी होने लगी।

दोबारा भिड़े तो बिगड़ गया मामला

दरोगा और लेखपाल के बीच कहासुनी होने पर नौसढ़ चौकी इंचार्ज सत्य प्रकाश ने बीच बचाव किया। लेकिन कुछ देर बाद इसी बात को लेकर दोबारा कहासुनी हो गई। बात एक दूसरे को देख लेने तक आ गई। दोनों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। समाधान दिवस पर मामले का निस्तारण कराने पहुंचे जिम्मेदारों के बीच हाथापाई हो गई। लेखपाल संघ अध्यक्ष से थाने पर दु‌र्व्यवहार होने की सूचना पाकर जिले के कई लेखपाल पहुंच गए।

दरोगा के खिलाफ हुई जमकर नारेबाजी

थाना पर दु‌र्व्यवहार से गुस्साए लोगों ने दरोगा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ने की सूचना पर एसडीएम और सीओ बांसगांव पहुंचे। मौके की नजाकत भांपकर सीओ ने पहल की। उन्होंने दरोगा को जमकर फटकार लगाई। लेखपाल से मांफी मांगने को कहा। बात न बनने पर सीओ खुद हाथ जोड़कर खड़े हो गए। उन्होंने मामला शांत कराते हुए दरोगा की ओर से माफी मांगी। इसके बाद लोग शांत हुए। इससे काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। समाधान दिवस के आयोजन में खलल पड़ी।