दांव पर राजनीतिक भविष्य

प्रत्याशी जाति-धर्म के आधार पर वोट के बंटवारे की गणित में उलझे हैं तो मतदाताओं की खामोशी ने उनका ब्लड प्रेशर बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शहर पश्चिम से अपना दल के प्रत्याशी अतीक अहमद जब इसी महीने चार साल बाद जेल से छूटकर आए तो क्षेत्र के सियासी पारे में अचानक उछाल आ गया। इस सीट पर 1989, 1991, 1993, 1996 और 2002 में पांच बार विनर रहे अतीक की लोकप्रियता क्या अभी भी बरकरार है, इसका फैसला इस चुनाव में हो जाएगा। सही मायनों में देखा जाए तो ये चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य साबित करने वाला हो सकता है। बता दें कि 2009 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से अपना दल के प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने दावेदारी पेश की थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

अपनों को मनाने में जुटीं पूजा

2007 में इस सीट पर कब्जा जमाने वाली बसपा प्रत्याशी पूजा पाल ने फिलहाल में इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। चुनावी मैदान में अतीक की मौजूदगी ने उनकी जीत की राह जरूर मुश्किल कर दी है लेकिन वोटरों को लुभाने में वे दिन-रात लगी हैं। अपने पति और पूर्व बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद उन्हें पब्लिक का साथ जरूर मिला था और इसी का नतीजा था कि पूजा पाल ने पिछले विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी खालिद अजीम उर्फ अशरफ को तकरीबन 11 हजार वोट से मात दी थी। साख बचाने में लगीं पूजा बहरहाल अपनों को मनाने में जुटी हैं और उनको इसमें कुछ हद तक सफलता भी हाथ लग चुकी है।

ये भी हैं मैदान में

चुनावी पंडित भले ही पश्चिमी सीट पर बसपा और अपना दल के बीच असली मुकाबला मान रहे हों लेकिन दूसरे दल भी कहीं से भी पीछे नहीं हैं। यहां भाजपा से रामजी केसरवानी, सपा से ज्योति यादव, कांग्रेस से रवि प्रकाश अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अगर अपना दल की निगाहें कुर्मी, मुस्लिम वोट पर लगी हुई हैं तो सपा भी मुसलमानों को रिझाने में जरा भी पीछे नहीं है। उधर अपनी खोई साख पाने में जुटी कांग्रेस और भाजपा ने एक के बाद एक अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा पूजा पाल के अलावा महिला प्रत्याशियों में कुसुमलता और पूनम संत भी मैदान में हैं।

परिसीमन से बंट जाएंगे वोट

कुल तीन लाख इकतालीस हजार वोटर्स वाली शहर पश्चिमी विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की खासी संख्या है। बताया जाता है कि यहां कुल मुस्लिम वोट 85 हजार के आसपास हैं। वहीं परिसीमन के चलते करेली, करेलाबाग, सदियापुर, तुलसीपुर, रसूलपुर जैसे एरिया दक्षिणी विधानसभा में शिफ्ट हो चुके हैं। इसके चलते 40 हजार से अधिक मुस्लिम मतदाता पिछले चुनाव की अपेक्षा इस विधानसभा में कम हो चुके हैं। जाहिर है परिसीमन की ये जोड़-तोड़ प्रत्याशियों की उम्मीदों पर पानी फेर सकती हैं।

पश्चिमी विधानसभा पर एक नजर

कुल वोटर-    341519

मेल वोटर-    190536

फीमेल वोटर- 150983