लड़ रहे सर्दी से भी

मेडिकल कॉलेज का हर वार्ड हमेशा पेशेंंट्स से भरा रहता है। सबसे ज्यादा भीड़ गायनाकोलोजिस्ट और मेडिसिन विभाग में होती है। इसके बाद सर्जरी विभाग भी पेशेंट्स से भरा रहता है। लेकिन इस ठंड में जहां लोग अपने घरों से निकलने में कंपकंपा रहे हैं वहीं, मेडिकल कॉलेज के वॉड्र्स में भर्ती पेशेंट्स अपनी बीमारी के साथ-साथ सर्दी से भी लड़ रहे हैं। उनके पास सर्दी से बचने का केवल एक ही तरीका है और वो है कंबल और रजाई। कंबल उन्हें हॉस्पिटल से ही मिलते हैं, रजाई आदि वो अपने घरों से लाते हैं।

नहीं हैं किसी वॉर्ड में हीटर

हॉस्पिटल के किसी भी वॉर्ड में हीटर की व्यवस्था नहीं है। मरीज सर्दी में कंपकंपाते रहते हैं लेकिन कॉलेज प्रशासन को उनकी यह परेशानी नहीं दिखती। हारकर तीमारदार उन्हें रजाई या अन्य साधनों से ठंड से बचाने की कोशिश करते हैं। गर्म पानी की बॉटल भी रखते हैैं। लेकिन हीटर नहीं लगा पता हैं।

अलाव भी है तरीका

वॉर्ड के बाहर बैठने वाले तीमारदार अपने लिए तो किसी तरह अलाव की व्यवस्था कर लेते हैं। यहां-वहां से लकड़ी एकत्र कर आग जला लेते हैैं। लेकिन उनके लिए भी हॉस्पिटल प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

तीमारदार खुद करते हैैं व्यवस्था

इतनी ठंड में मरीजों को ज्यादा कंबल देने की व्यवस्था भी हॉस्टिपल प्रशासन द्वारा नहीं की गई है। बल्कि तीमारदार अपने साथ ही पेशेंट्स के लिए घर से रजाई या कंबल आदि ज्यादा लाते हैं। इसके अलावा गर्म पानी की बोतल आदि भी खरीद कर लाते हैं। जिससे मरीज को आराम मिल सके।

हीटर नहीं बंटते हैैं कंबल

मेडिकल कालेज में कई सामाजिक संस्थाएं कंबल आदि बांट चुकी हैैं। वेडनसडे को ही रोटरी क्लब द्वारा हेल्प आगरा को दिए गए कंबल मेडिसिन विभाग और अन्य विभागों में मरीजों को बांट दिए गए। इसके अलावा भी कई संगठन कंबल बांट चुके हैैं। लेकिन हीटर या ?लोअर के बारे में किसी ने नहीं सोचा है।

डिस्ट्रिक्ट में हैं हीटर्स

थर्सडे अधिकतम टेम्प्रेचर 15 डिग्री और न्यूनतम टेम्प्रेचर 10.1 डिग्री रहा। उधर मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले चौबीस घंटे में बरसात होने के चांस हैैं। कहीं-कहीं पर ओलवृष्टि का भी मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है.  मौसम के जानकारों का कहना है कि बरसात होने के बाद ठंड और अधिक बढ़ेगी। टेम्प्रेचर खासा डाउन हो जाएगा। टेम्प्रेचर जीरो को भी टच कर सकता है। ऐसे में अगर एसएन में हीटर की व्यवस्था नहीं की गई तो मरीजों को और परेशानी हो सकती है। वहीं, इस मौसम में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मरीजों के लिए हीटर की व्यवस्था है। एसएन मेडिकल कॉलेज को इससे सीख लेकर मरीजों के लिए हीटर की व्यवस्था करनी चाहिए।  

-डॉ। अजय अग्रवाल, प्रिंसीपल, एसएन मेडिकल कालेज

वॉड्र्स में हीटर की व्यवस्था नहीं है। कंबल आदि ही मरीजों को उपल?ध कराए जाते हैैं। आईसीयू में जरूर हीटर्स हैैं। वॉर्ड तो कवर्ड होते हैैं, वहां इतनी ठंड नहीं होती-