Allahabad: कुछ वर्ष पहले आमिर खान की ब्लाक बस्टर हिट मूवी आई थी रंग दे बसंती। जिसके सेंटर में एक ऐसे इन्सीडेंट को रखा गया था जिसने पिक्चर हाल में मौजूद दर्शकों को स्तब्ध और दु:खी दोनों कर दिया था। मूवी में एक पायलट द्वारा एयरोप्लेन की इमर्जेंसी लैंडिंग के दौरान हुई दुर्घटना में मौत ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया। दुर्घटना से पायलट के परिवार पर जो गुजरी उसे आज भी फिल्म देखने वाले नहीं भूले होंगे। यही नहीं अपने बेटे को गंवा चुकी मां के दर्द को फिल्म के एक गाने ने कुछ ऐसी अभिव्यक्ति दी जिसने दर्शकों को अन्दर तक छू लिया था। आगे से किसी मां को अपने बेटे को खोने का इस कदर गम न हो इसके लिए इण्डिया समेत कई देश मानव रहित लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा चुके हैं.
इस दौड़ में अमेरिका सबसे आगे
इस बारे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एटमासफेरिक एंड ओसियन स्टडीज के रिफ्रेशर कोर्स में कई तथ्य उजागर हुए। इसमें शामिल इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आईआईटी) मुम्बई में डिपार्टमेंट आफ एयरोस्पेश इंजीनियरिंग के प्रो। आर। एस। पन्त ने बताया कि अमेरिका ने एफ 35 नाम का लास्ट फाइटर एरोप्लेन बनाया था। जिसके बाद उसने डिसीजन लिया कि अब वह मानव रहित फाइटर प्लेन ही बनाएगा। प्रो। पंत ने बताया कि अमेरिका अगले चार से पांच सालों के अन्दर इस तरह का प्लेन बना लेगा.
बंगलुरू में चल रहा है काम
वहीं अमेरिका की ही तर्ज पर भारत में बंगलुरू स्थित एडीए ने भी यूसीएवी नाम के प्लेन को बनाने का जिम्मा लिया है। हालांकि, इंडिया को अभी अपने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लम्बा समय लगेगा। जबकि, चीन भारत से पहले मानव रहित प्लेन बना लेगा। इसके पीछे चाइना के पास इंडिया से ज्यादा रिर्सोसेस और एक्सपर्ट्स का होना है.
इस दौड़ में अमेरिका सबसे आगे इस बारे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एटमासफेरिक एंड ओसियन स्टडीज के रिफ्रेशर कोर्स में कई तथ्य उजागर हुए। इसमें शामिल इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आईआईटी) मुम्बई में डिपार्टमेंट आफ एयरोस्पेश इंजीनियरिंग के प्रो। आर। एस। पन्त ने बताया कि अमेरिका ने एफ 35 नाम का लास्ट फाइटर एरोप्लेन बनाया था। जिसके बाद उसने डिसीजन लिया कि अब वह मानव रहित फाइटर प्लेन ही बनाएगा। प्रो। पंत ने बताया कि अमेरिका अगले चार से पांच सालों के अन्दर इस तरह का प्लेन बना लेगा.
बंगलुरू में चल रहा है काम वहीं अमेरिका की ही तर्ज पर भारत में बंगलुरू स्थित एडीए ने भी यूसीएवी नाम के प्लेन को बनाने का जिम्मा लिया है। हालांकि, इंडिया को अभी अपने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लम्बा समय लगेगा। जबकि, चीन भारत से पहले मानव रहित प्लेन बना लेगा। इसके पीछे चाइना के पास इंडिया से ज्यादा रिर्सोसेस और एक्सपर्ट्स का होना है.
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