मुंबई (ब्यूरो)। कमर्शियल फिल्मों के इस दौर में संस्कृत भाषा में फिल्म बनाने की बात सोचना भी मुश्किल लगता है, ऐसे में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जिंदगी पर एक बहुभाषी फिल्म 'राष्ट्रपुत्र' बनी है, जिसका एक संस्करण संस्कृत भाषा में भी डब किया गया है। 
संस्कृत भाषा में बनने वाली सातवीं फिल्म 
23 जुलाई को मुंबई में चंद्रशेखर आजाद की जन्मतिथि के मौके पर इस फिल्म का पहला पोस्टर जारी किया गया। साथ ही इस फिल्म की रिलीज डेट 14 सितंबर भी घोषित की गई। इसे लेकर जानकारी मिली है कि यह फिल्म मूल रूप से हिंदी में है, इसके अलावा यह 25 भाषाओं में भी तैयार की जा रही है। संस्कृत भाषा में इस फिल्म का संस्करण सबसे अहम माना जा रहा है, क्योंकि अब तक इस भाषा में सिर्फ 6 फिल्में ही बनी हैं और अब सातवीं फिल्म यह होगी। 
फिल्म में होंगे आजाद की जिंदगी से जुड़े पहलू 
इसके साथ हिंदी सिनेमा का सबसे पुराना स्टूडियो बांबे टाकीज फिल्म निर्माण में वापसी कर रहा है। फिल्म का निर्देशन और आजाद की मुख्य भूमिका निभाने वाले भी खुद को आजाद ही कहते हैं। यही उनका नाम है। उनका दावा है कि फिल्म में आजाद की जिंदगी और आजादी के जंग से जुड़े कुछ ऐसे पहलुओं को दर्शाया जाएगा, जिससे देशवासी अभी तक अनजान रहे हैं। हिंदी और संस्कृत के अलावा फिल्म साउथ की भाषाओं, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी, असमी, गुजराती, बुंदेलखंडी भाषाओं में भी बनी है। 

 

मुंबई (ब्यूरो)। कमर्शियल फिल्मों के इस दौर में संस्कृत भाषा में फिल्म बनाने की बात सोचना भी मुश्किल लगता है, ऐसे में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जिंदगी पर एक बहुभाषी फिल्म 'राष्ट्रपुत्र' बनी है, जिसका एक संस्करण संस्कृत भाषा में भी डब किया गया है। 

संस्कृत भाषा में बनने वाली सातवीं फिल्म 

संस्कृत में भी होगी चंद्रशेखर आजाद पर बनी 'राष्ट्रपुत्र',14 सितंबर को होगी रिलीज

23 जुलाई को मुंबई में चंद्रशेखर आजाद की जन्मतिथि के मौके पर इस फिल्म का पहला पोस्टर जारी किया गया। साथ ही इस फिल्म की रिलीज डेट 14 सितंबर भी घोषित की गई। इसे लेकर जानकारी मिली है कि यह फिल्म मूल रूप से हिंदी में है, इसके अलावा यह 25 भाषाओं में भी तैयार की जा रही है। संस्कृत भाषा में इस फिल्म का संस्करण सबसे अहम माना जा रहा है, क्योंकि अब तक इस भाषा में सिर्फ 6 फिल्में ही बनी हैं और अब सातवीं फिल्म यह होगी। 

फिल्म में होंगे आजाद की जिंदगी से जुड़े पहलू 

इसके साथ हिंदी सिनेमा का सबसे पुराना स्टूडियो बांबे टाकीज फिल्म निर्माण में वापसी कर रहा है। फिल्म का निर्देशन और आजाद की मुख्य भूमिका निभाने वाले भी खुद को आजाद ही कहते हैं। यही उनका नाम है। उनका दावा है कि फिल्म में आजाद की जिंदगी और आजादी के जंग से जुड़े कुछ ऐसे पहलुओं को दर्शाया जाएगा, जिससे देशवासी अभी तक अनजान रहे हैं। हिंदी और संस्कृत के अलावा फिल्म साउथ की भाषाओं, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी, असमी, गुजराती, बुंदेलखंडी भाषाओं में भी बनी है। 

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