RANCHI: झारखंड फिल्म रेगुलेशन एक्ट ख्0क्भ् पर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी के सीनियर नेता अर्जुन मुण्डा ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री रघुवर दास को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि झारखंड शूटिंग रेगुलेशन एक्ट पूरी तरह से अव्यावहारिक है। यह झारखंड में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा नहीं देगा, बल्कि उलटे यहां बनने वाली क्षेत्रीय व जनजातीय फिल्मों को बर्बाद कर देगा। इस एक्ट को बनाने में झारखंड की वास्तविक स्थिति का अध्ययन नहीं किया गया है।

जनजातीय फिल्मों को होगा नुकसान

उन्होंने कहा है कि झारखंड में बनने वाली क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की फिल्मों का बजट काफी छोटा होता है। इनके लिए एक सप्ताह की शूटिंग के भ्0 लाख रुपए जुटाना तो बहुत दूर की बात है, इनकी फिल्मों का पूरा बजट ही भ् से लेकर क्0 लाख रुपए का होता है। ऐसे में नए फिल्म शूटिंग रेगुलेशन एक्ट से इन फिल्मकारों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। एक्ट बनाते समय सरकार ने स्थानीय फिल्मकारों, निर्माताओं व कलाकारों के साथ कोई चर्चा नहीं की। उनसे कोई राय-मशविरा या उनके सुझाव को भी नहीं जाना गया। इसमें ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल से भी सलाह लेनी चाहिए थी। उन्होंने सरकार को यूपी की फिल्म नीति का स्टडी करने की सलाह दी। जहां फिल्मकारों को सरकार अनुदान राशि देती है।

यह है मामला

एक सितंबर को कैबिनेट मीटिंग में राज्य सरकार ने एक फिल्म पॉलिसी तैयार करने की दिशा में कदम उठाया और झारखंड शूटिंग रेगुलेशन एक्ट-ख्0क्भ् को मंजूरी दी। इसके पीछे झारखंड सरकार का मकसद था कि फिल्म पॉलिसी बनने से झारखंड के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य, यहां की हरी-भरी वादियां, खूबसूरत फॉल्स और जंगल पहाड़ जैसे खूबसूरत लोकेशंस बालीवुड के फिल्मकारों को आकर्षित करेंगे। वे अपनी फिल्मों की शूटिंग के लिए राज्य में आएंगे। इससे झारखंड को रेवेन्यू भी मिलेगा। इसके लिए सरकार ने एक सप्ताह की शूटिंग के लिए आवेदन के साथ भ्0 लाख रुपए की न्यूनतम राशि तय की है। साथ ही एक वीक से अधिक दिनों की शूटिंग पर प्रतिदिन क्0 लाख रुपए के हिसाब से भुगतान करना होगा।