चालीस के ऊपर पेट, अस्सी से ऊपर वेट

दबंग के चुलबुल पाण्डेय हो या फिर सिंघम के बाजीराव या फिर जंजीर मूवी में इंस्पेक्टर बने अमिताभ बच्चन। ये ऐसी मूवीज हैं जिनको देखने के बाद अपने शहर की पुलिस ने अपनी पुलिसिंग स्टाइल को बदलने की सोची थी। एडीजी के ऑर्डर के बाद पुलिस को चेंज करने के लिए कई मूवीज पिछले दिनों अपने पुलिस महकमें के लोगों को दिखाई गईं। इन मूवीज से इंस्पायर होकर कुछ दरोगाओं ने अपना गेटअप तक चेंज कर डाला। दबंग के गॉगल और सिंघम की तरह मूंछे उगाकर क्रिमिनल्स को हूल भी दी। लेकिन क्या वाकई में अपने शहर में मौजूद पुलिस चुलबुल पाण्डेय या फिर बाजीराव सिंघम के तर्ज पर वर्क कर पा रही है। शायद नहीं अगर ऐसा होता तो अपने शहर में मौजूद थानों पर तैनात आधे से ज्यादा दरोगा अनफिट न होते। किसी का पेट न निकला होता और कोई आंखों पर मोटे पावर का चश्मा चढ़ाये फाइलों को आंखों के आगे लाकर न पढ़ता।

हालात बहुत हैं बुरे

किसी का पेट निकला है तो किसी का वेट ज्यादा है। यही हाल है अपने शहर के सिंघम और दबंग चुलबुल पाण्डेय का। एडीजी के आदेश के बाद भले ही अपने शहर में भी दरोगाओं से लेकर सिपाहियों तक ने पुलिस पर बनी कई लेटेस्ट मूवीज देखी हों लेकिन इसका असर कुछ गिने चुने लोगों पर ही देखने को मिलता है। कैंट, मंडुवाडीह, भेलूपुर, बड़ागांव को छोड़ शायद ही कोई ऐसा थाना हो जहां फिट एण्ड फाइन दरोगा मिलें। जिले में मौजूद 25 थानों में से अगर कुछ थानों को देखा जाये तो वहां दबंग स्टाइल में दरोगा और इंस्पेक्टर तैनात हैं जबकि अधिकतर थानों पर तैनात पुलिस वालों की एज 40 प्लस है। इस वजह ये साहबान चाहकर भी दबंग और सिंघम जैसे नहीं बन पा रहे हैं।

कोशिश करें लेकिन

दंबग और सिंघम जैसे पुलिस वाले बनने के लिए अपने शहर के पुलिस वालों को काफी मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन भाई सवाल ये है कि ये मेहनत करेगा कौन? यही वजह है कि अपने शहर में तैनात पुलिस वालों में से अधिकतर अनफिट हैं। इस बात का खुलासा कुछ साल पहले हुए पुलिस कर्मियों के चेकअप में भी हुआ था। जब पुलिस लाइन में लगे चेकअप कैंप में चेकअप कराने वाले 100 में से 85 पुलिस वाले हाईपर टेंशन, नींद पूरी न होना, ब्लड प्रेशर और आंखें कमजोर होने की शिकायत से जूझते मिले थे। वहीं अपने ही शहर में मौजूद अधिकतर पुलिस वालों की उम्र चालीस पार कर चुकी है। इसके चलते ये सारे चाहकर भी दबंग के चुलबुल पाण्डेय नहीं बन सकते और कोशिश करते भी हैं तो एक एंबुलेंस रेडी रखनी पड़ती है।

आदेश दिया लेकिन

दरअसल एडीजी लॉ एंड आर्डर ने कानून व्यवस्था को मेनटेन करने और पब्लिक का पुलिस पर भरोसा मजबूत करने के लिए अप्रैल-2013 में एक सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर में ये साफ तौर पर कहा गया था कि प्रदेश के हर पुलिस वाले खास तौर पर दरोगाओं को 1938 से लेकर अब तक पुलिस वालों की वर्किंग पर बनी मूवीज दिखाई जायें। इसके तहत पिछले दिनों अपने शहर में भी सैकड़ों पुलिस वालों को पुलिस लाइन में दबंग, सिंघम और जंजीर जैसी मूवीज दिखाई गई थी। इन मूवीज को दिखाये जाने के बाद पुलिस वाले भले ही खुद को हीरो समझते हों लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

फिटनेस का नहीं है ध्यान

चुलबुल पाण्डेय और सिंघम जैसा बनने के लिए सबसे जरूरी है वर्क आउट जो कि अपनी पुलिस शायद ही कभी करती मिले। यही वजह है कि थानों पर तैनात अधिकतर दरोगा बुरी तरह से मोटे होते जा रहे हैं। किसी का पेट बाहर फेंक दे रहा है तो किसी को कुछ कदम पैदल चलने में ही हफनी छूटने लगती है। कुछ दरोगा तो ऐसे भी हैं जिनको जीप में बैठने के बाद आगे चल रही बाइक या कार की नंबर प्लेट पर पड़ा नंबर तक नजर नहीं आता। अब खुद सोचिये कि जब ये हाल होगा पुलिस का तो दबंग मूवी जैसा विलेन छेदी और सिंघम का विलेन जयकांत शीकरे बेखौफ होकर घूमेगा ही।

फिटनेस का है इंतजाम फिर भी

ऐसा नहीं है कि पुलिस वालों को खुद को फिट रखने के लिए कहीं बाहर किसी जिम में जाने की जरूरत है। इसके लिए पुलिस डिपार्टमेंट ने ही हाईटेक जिम की व्यवस्था पुलिस लाइन में कर रखी है। लेटेस्ट वर्कआउट करने वाली मशीनों के अलावा यहां वो सब कुछ है जो फिट रखने के लिए जरूरी होता है। यहां तक कि एक कोच भी है लेकिन जिम में किसी के न आने के कारण जिम कभी-कभी ही खुलता है।

- जिले में हैं 25 थाने

- इनमे शामिल है एक महिला थाना

- 25 में से 15 थानों पर तैनात हैं 40 प्लस एज के दरोगा

- कुछ थानों पर ही तैनात हैं 30 प्लस एज के फिट दरोगा और इंस्पेक्टर्स

- महिला पुलिस कर्मियों की भी हालत है खराब

- ज्यादा एज की महिला पुलिस कर्मियों की संख्या है ज्यादा

- पिछले दिनों हुए कई हंगामे की घटनाओं में अनफिट दरोगाओं की दौडऩे भागने में हो गई थी हालत पतली

- पुलिस वाले रहें फिट इसके लिए पुलिस लाइन में हैं कई सुविधाएं

- रोज सुबह कराई जाती है परेड

- जिम भी हो रहा है ऑपरेट

- इसके बावजूद फिट रहने को लेकर कुछ पुलिस वाले ही हैं सजग

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पुलिस वालों का फिट रहना बहुत जरूरी है। यही वजह है कि पुलिस फिटनेस के लिए पुलिस लाइन में कई प्रोग्राम कराये जा रहे हैं लेकिन खुद को फिट रखने के लिए इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है।

राहुल राज, एसपी सिटी