बंद किया कमरे में

अनामिका का कहना है कि वह पैसे निकलकर एक बूढ़ी औरत से बात करने लगी। तभी पीछे खड़े एक युवक ने उसके मुंह पर कपड़ा रख दिया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। होश आने के बाद उसने अपने आप को एक बंद कमरे में पाया। उसका कहना है कि वहां एक औरत और दो पुरुष थे। उसे रोजाना खाना तो मिलता था, लेकिन उसे बंद करके रखा जाता था। उसने लड़कों पर दुराचार का आरोप लगाया।

उसने बताया कि वह संडे की मर्निंग में मौका पाकर

बंद कमरे से भाग निकली और भटकती हुई कचहरी

पहुंची। जहां उसने कचहरी स्थित एक पीसीओ से अपने भाई को घटना की पूरी जानकारी दी। पीसीओ मालिक नीलम ने विजय कुमर और हेमंत की मदद से उसे महिला थाने पहुंचा दिया।

कचहरी पहुंची अनामिका

पुलिस का कहना है कि लड़की की कहानी अब तक मिली जानकारी से बनावटी प्रतीत हो रही है। एसआई रमेश कुमार वर्मा के मुताबिक लड़की बीती 27 दिसंबर से लापता है। इस बारे में लड़की के पिता ने बालापुर थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी थी। उनका कहना है कि जानकारी के अनुसार लड़की अपने जीजा के साथ चली गई थी। उसका जीजा उसे बरेली जंक्शन पर छोड़कर फरार हो गया। भटकते हुए अनामिका कचहरी पहुंच गई। जहां से लोगों ने उसे महिला थाने पहुंचा दिया। पुलिस के मुताबिक लड़की के घरवाले उसे लेने महिला थाने पहुंच रहे हैं।