- बनारस में साधु वेश में गिरफ्तार हुए टॉपर्स घोटाले के मुख्य आरोपी

PATNA : आखिरकार टॉपर्स घोटाला के प्रमुख आरोपी डा। लाकेश्वर और उनकी पत्‍‌नी डा। ऊषा सिन्हा को एसआईटी ने बनारस से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी उस समय हुई जब दोनों भेलूपुर थाना में किना राम अघोर आश्रम के पास ठिकाना बदलने की तैयारी में थे। आल्टो कार से दोनों निकले ही थे कि एसआईटी के चंगुल में फंस गए। कार को भी जब्त कर लिया गया। इस कार्रवाई में बनारस पुलिस का भरपूर साथ मिला। दोनों को बनारस की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से ट्रांजिट रिमांड पर एसआईटी के हवाले किया गया।

लगातार चल रही थी रेकी

एसआईटी इंचार्ज मनु महाराज को लाल और ऊषा द्वारा बदले जा रहे ठिकानों की सूचना मिल रही थी। दो-तीन दिन पहले ही दोनों बनारस पहुंचे। वहां घनी आबादी वाले कना राम आश्रम के पास ठिकाना रखा था। इसकी भनक एसआईटी को लगी। एसआईटी में शामिल एटीएस के विजय कुमार चौरसिया समेत ब् इंस्पेक्टर और ब् सिपाहियों की टीम कई दिनों से यूपी में ही कैंप कर रही थी। यही टीम बनारस पहुंची। दो दिनों की रेकी के बाद सोमवार की सुबह 7 से 8 बजे के बीच गिरफ्तार किया।

अनामिका दे रही थी संरक्षण

लालकेश्वर पत्‍‌नी के साथ बनारस में यू हीं नहीं थे। उन्हें फैमिली का भरपूर संरक्षण था। दरअसल, इसी मामले में फरार विकास चन्द्रा (लाल के बेटे पिक्कू का साला) की बहन अनामिका का बनारस में ससुराल है। अनामिका और उसके ससुराल वाले लालकेश्वर और ऊषा की मदद कर रहे थे।

एमयू के एक्स वीसी के घर पहुंचे

8 जून को बोर्ड के चेयरमेन पद से इस्तीफा देने के बाद से ही लालकेश्वर और ऊषा घर छोड़ फरार हो गए थे। एसआईटी के अनुसार सबसे पहले दोनों मगध यूनिवर्सिटी के एक्स वीसी व अपने समधी अरुण कुमार के घर छिपे थे.उस समय बच्चा राय की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी का ध्यान बंटा हुआ था। कई दिनों तक अरुण कुमार के घर छिपने के बाद दोनों लखनऊ चले गए। फैमिली वालों के संरक्षण में दोनों ने कुछ दिन लखनऊ में बिताए। इसके बाद ही बनारस आए। लालकेश्वर और ऊषा के मोबाइल नंबर को एसआईटी ने सर्विलांस पर ले रखा था। जिसकी जानकारी लगातार ली जा रही थी। अपनी जरूरतों के हिसाब से मोबाइल ऑन करते थे और बात करने के बाद ऑफ कर देते थे। इसी ऑन-ऑफ के बीच एसआईटी को इनका लास्ट लोकेशन मिल गया।

कोर्ट के चक्कर लगा रहा बेटा

पटना हाईकोर्ट से दोनों अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के चक्कर में थे। इसके लिए उनका इंजीनियर बेटा पिक्कू लंदन से पटना आकर लगातार भाग-दौड़ कर रहा है।

मंत्री के यहां से गिरफ्तारी

पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया है कि लालकेश्वर की गिरफ्तारी पटना में किसी मंत्री के यहां से हुई और बाद में बनारस भेजा गया। लालकेश्वर को कई मंत्रियों के यहां रखा गया.मांझी का आरोप है कि पहले लालकेश्वर से जुड़े सबूत खत्म किए गए और उसके बाद गिरफ्तारी का ढोंग किया जा रहा है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि दोनों वाराणसी के जिस घर में ठहरे थे वहां से दूसरी जगह जाने वाले हैं। सादे लिबास में पिछले चार दिनों से वाराणसी में कैंप कर रही एसआइटी ने उसी वक्त उन्हें धर दबोचा। '

-नैयर हसनैन खां, जोनल आइजी

टॉपर्स घोटाला में अब तक क्7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक टीम लगातार लालकेश्वर और ऊषा के ठिकानों का पता लगाने में जुटी हुई थी। पूछताछ के लिए दोनों को रिमांड पर लिया जाएगा।

-मनु महाराज, एसएसपी पटना