- पुलिस के तमाम टालमटोल के बावजूद वेदप्रकाश ने नहीं मानी हार

 

- पुलिस के तमाम टालमटोल के बावजूद वेदप्रकाश ने नहीं मानी हार

 

GORAKHPUR: GORAKHPUR: पूरे क्9 महीने के संघर्ष, अधिकारियों के तमाम चक्करों और कई अन्य मोर्चो पर लड़ाई लड़ने के बाद आखिर वेदप्रकाश पाठक के हेलमेट चोरी की एफआईआर दर्ज हो गई। क्7 जनवरी ख्0क्भ् को सिटी के एक फेमस मॉल की पार्किंग से चोरी हुए हेलमेट का केस दर्ज करवाने को लेकर हुई यह कवायद पुलिसिया तंत्र और सिस्टम की पोल खोल कर रख देता है। भला हो पुलिस के ट्विटर अवतार का, वरना अभी ये केस जाने कितने दिन यूं ही चलता रहता।

 

मजाक बनाते थे लोग

पिपराइच एरिया के रिठिया, पटखौली निवासी वेद प्रकाश पाठक क्7 जनवरी की शाम करीब छह बजे मॉल में शॉपिंग करने गए। बाइक पार्किंग में खड़ी की और हेलमेट उसी पर रख अंदर चले गए। वापस आकर देखा तो हेलमेट चोरी हो चुका था। उन्होंने सुरक्षा गार्ड और प्रबंधन को जानकारी दी। हेलमेट चोरी का मजाक बनाते हुए लोगों ने घटना भूलने की सलाह दी। करीब दो घंटे बाद वेद प्रकाश ने जटेपुर पुलिस चौकी में मौजूद तत्कालीन एसआई इसरार अहमद को तहरीर दी। लेकिन दरोगा मामले को टाल गए। एक दिन बाद पीडि़त ने कैंट पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने समझौते का प्रयास शुरू कर दिया।

 

नहीं मानी हार

चोरी को भूलने की जगह वेद प्रकाश ने इसे दिल पर ले लिया। पार्किंग वालों के खिलाफ एडवोकेट के जरिए नोटिस भेजा। सात दिन बाद गोरखपुर के डीआईजी को मेल भेजकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अधिकारियों को रजिस्टर्ड डाक सूचना दी। तब डीआईजी ने सीओ गोरखनाथ को मामले की जांच सौंपी। लेकिन जांच और बयान में मामला चलता रहा। सीओ गोरखनाथ ने वेद प्रकाश का बयान दर्ज कराया। इस बीच उन्होंने वीडियो फुटेज डिलीट करने की आशंका जताते हुए पुलिस अधिकारियों को दोबारा सूचना दी। मार्च ख्0क्भ् में मामला कैंट सीओ के पास पहुंचा। सीओ ने भरोसा दिलाया कि मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया।

 

ट्विटर पर शिकायत लाई रंग

करीब क्8 माह की भागदौड़ के बाद पीडि़त ने आईजी जोन के ट्विटर पर गुहार लगाई। आईजी के निर्देश पर डीआईजी ने बताया कि एसपी सिटी मामले की जांच कर रहे हैं। करीब दो माह इंतजार करके पीडि़त ने फिर शिकायत की। कार्रवाई का विवरण यूपी पुलिस, आईजी, डीआईजी सहित अन्य अधिकारियों से मांगा। तब बताया गया कि मामला सीओ कैंट के पास जांच में लंबित है। तीन सितंबर को पुलिस ने जवाब दिया कि उपभोक्ता फोरम में मामला होने से केस नहीं दर्ज हो सकता है। जब सोशल मीडिया पर पुलिस का सच जगजाहिर किया तो अधिकारी हरकत में आ गए। सीओ कैंट ने दोबारा तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया। क्फ् सितंबर को पीडि़त को ट्वीट करके सूचना दी गई। पुलिस ने बताया कि चोरी और चोरी का साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज किया गया है। अज्ञात चोर और प्रबंधन के खिलाफ इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने की विवेचना की जा रही है।

 

 

बात चोरी की नहीं, बल्कि लड़ाई उस सिस्टम से है जो हमारी सुरक्षा का दावा करते हैं। पुलिस मामले को छोटा बताकर टरकाने में लगी थी। आईजी के ट्विटर पर शिकायत के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

वेद प्रकाश, पीडि़त