अपनी जिन्दगी मान बैठी थी

पिछले छह महीने से इस धंधे में फंसी सिम्मी (बदला नाम), इस काले धंधे की रात में घुट रही थी और इस काली रात को ही अपनी जिन्दगी मान बैठी थी। मगर शनिवार को काली रात की सुबह हुई, जब पुलिस ने रेड किया। उसने पुलिस के सामने अपनी जिन्दगी की दास्तान सुनाई। वो घर जाना चाहती है, अपनी मां से मिलना चाहती है, अपने भाई बहनों को प्यार करना चाहती है। अब पुलिस उसके घर वालों की तलाश में लग गई है।

सौतेले बाप के डर से भागी

सिम्मी अपने सौतेले बाप से त्रस्त थी। सौतेले पिता की बातें और उसकी पिटाई उसके लिए मुसीबत थी। हर छोटी गलती की बड़ी सजा देता था क्योंकि वो उसकी बेटी नहीं थी। हर दिन पिटना उसकी नियति बन चुकी थी। आखिरकार उसने फैसला किया कि वह उस घर में नहीं रहेगी और गांव की ही एक फ्रेंड हनी (बदला नाम), जो पटना के पार्लर में काम करती थी, के साथ भाग निकली। हनी ने उसे यहां काम सिखाने और नौकरी कराने के नाम पर ले तो आई मगर उसे बिठा दिया ब्यूटी पार्लर के बाजार में। हनी ने उसे यहां छोड़कर निकल गई। हनी के बारे में अब सिम्मी को भी नहीं पता।

मां-बाप गए कोलकाता

सिम्मी को मौर्य टावर के अर्पण ब्यूटी पार्लर से निकाला गया है। अब जब वह अपने घर वापस जाना चाहती है लेकिन अब वहां कोई नहीं। हाजीपुर की रहने वाली सिम्मी के घर छोडऩे के बाद उसके मां-बाप ने भी गांव छोड़ दिया और कोलकाता शिफ्ट हो गए। इसकी जानकारी उसे गांव की ही एक भाभी ने दिया, जिसका नम्बर मुश्किल से मिल सका था। उसने पुलिस को बताया कि वह सबकुछ भूल कर अपनी मां के पास रहना चाहती है। यहां जो भी हुआ उसे याद नहीं करना। महिला थाने में उसका मायूस चेहरा और बुझी आंखें मानो कह रही हो, इस रात की सुबह अब होगी।

Report by: rajan.anand@inext.co.in