- सब स्टोर पर मिला ताला तो वित्त मंत्री ने दो दिन में मांगा स्पष्टीकरण

-वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के आगे मरीजों और तीमारदारों ने बयां किया दर्द

>BAREILLY:

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का निरीक्षण करने के लिए सैटरडे अचानक वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने औचक निरीक्षण किया। मंत्री ने जब हॉस्पिटल पहुंचकर मरीजों से उनका दर्द जाना तो उन्होंने हॉस्पिटल की अव्यवस्थाओं के बारे में पूरी पोल खोल दी। कई-कई दिन से एडमिट रहने के बावजूद लाभ नहीं होना बताया। डॉक्टर मरीजों को क्या दवा दे रहे हैं पूछने पर ये भी नहीं बता सके। इस पर वित्त मंत्री खासे नाराज हुए। उन्होंने डॉक्टरों की फटकार लगाते हुए सुधरने की हिदायत दे दी। दवाओं का सब स्टोर बंद होने पर प्रभारी का स्पष्टीकरण दो दिन में मांगा है। महिला हॉस्पिटल में जाकर वहां अव्यवस्थाओं को सुधारने की हिदायत सीएमएस को दी।

मरीजों ने की शिकायत

बुखार की चपेट में आने से जिले में आठ लोगों की मौत को वित्त मंत्री ने संज्ञान में लेते हुए वह डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में सबसे पहले पहुंचे। वहां दो कमरों में सिर्फ दो मरीज भर्ती थे। उनके आने की खबर पर नई चादरें बिछा दी गई थीं। ऊपर मेल मेडिकल वार्ड में पहुंचे तो वहां पंखे नहीं चलने की मरीजों ने शिकायत की। मरीज को तकिया नहीं देने पर मंत्री नाराज हुए। मरीजों ने बताया कि सुबह से आधी गोली दी, बस ड्रिप चढ़ा दी है। खून की जांच होना बताया। वही महिला वार्ड में मंत्री को एक बेड पर चार-चार मरीज भर्ती मिले। उन्होंने दवा व इलाज के बाबत मरीजों से जानकारी ली।

डॉक्टर नहीं बताए इलाज के बारे में

बच्चा वार्ड के बाहर सीवर की गंदगी देख मंत्री नाराज हुए उन्होंने अंदर एडमिट मरीजों के परिजनों से बात की। वहां बुखार, डायरिया के पीडि़त बच्चे एडमिट मिले। मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि आठ-दस दिनों से एडमिट हैं, लेकिन लाभ नहीं हो रहा है। बोले, बार-बार बुलाने पर भी स्टाफ नहीं आता है। मंत्री ने लालता प्रसाद व धर्मवीर के परिजनों से हालत पूछी तो उन्होंने भी असर नहीं होने की शिकायत की। मंत्री ने डॉक्टर को बुलाकर इलाज पूछा, लेकिन डॉक्टर इलाज के बारे में नहीं बता पाए।

फोन पर बताई शासन को हकीकत

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में गंदगी को देख वित्त मंत्री ने तत्काल अपर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को फोन कर हॉस्पिटल के हालत से अवगत कराया। हॉस्पिटल में संक्रमण फैलने का आशंका जताई, वही, एडीएसआइसी डॉ। केएस गुप्ता से मॉर्चरी का खराब फ्रीजर बदलवाने के बाबत पूछा। इस पर उन्होंने पत्र निदेशालय भेजने की जानकारी दी।

सब स्टोर पर मिला ताला

वित्त मंत्री एनसीडी (नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज) क्लीनिक पहुंचे। वहां डॉक्टर मयंक गुप्ता नहीं थे। वहां से सब स्टोर गए तो वहां ताला लटका मिला। इस पर उन्होंने एडीएसआईसी से सब स्टोर प्रभारी का स्पष्टीकरण लेकर दो दिन में आख्या भेजने को कहा। वहां से सीधे महिला हॉस्पिटल की ओपीडी पहुंचे। ओपीडी में मरीज थे, लेकिन पंखे बंद कर दिए गए थे। उन्होंने सीएमएस डॉ। साधना सक्सेना को बुलवाया। उन्हें हॉस्पिटल में रुपए लेने पर कार्रवाई के बात पूछी। सीएमएस ने शिकायत नहीं मिलना बताया तो मंत्री ने उन्हें छुट्टी लेकर चले जाने को कह दिया। बोले, हॉस्पिटल चलाना है तो ठीक से चलाए।