खतरा पैदा हो जाएगा

देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने श्रमिक संगठनों को आगाह किया है कि यदि निवेश के जरिये आर्थिक विकास दर में बढ़ोतरी नहीं की गई और अर्थव्यवस्था को कुशल नहीं बनाया जा सका तो रोजगार का सृजन मुश्किल होगा। इसलिए ऐसा कोई कार्य न करें जिससे औद्योगिक विकास अवरुद्ध होता हो। कल हुए 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में जेटली ने कहा, "यदि हमने निवेश के प्रवाह को अवरुद्ध किया तो न तो रोजगार बढ़ेगा और न ही आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। इससे आखिरकार जो मौजूदा नौकरियां हैं, उनके लिए भी खतरा पैदा हो जाएगा।" जेटली बीते रविवार को भी श्रमिक संगठनों के साथ हुई बैठक में प्रस्तावित श्रम सुधारों को लेकर उत्पन्न गतिरोध के संदर्भ में यह चेतावनी दे रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में जब अनेक बड़े देश आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और विश्व मंदी से ग्रस्त है, तब भारतीय अर्थव्यवस्था सर्वाधिक तेजी से बढ़ रही है। यह सरकार के प्रयास का नतीजा है। सरकार हर कदम पर इस दिशा में प्रयासरत है।

रोजगार के अवसर अवरुद्ध

इसलिए भले ही हम किसी ट्रेड यूनियन के नेता या किसी संगठन के कर्मचारी क्यों न हों, हमें ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे आर्थिक गतिविधियां अथवा रोजगार के अवसर अवरुद्ध हों। देश के नागरिक होने के नाते हर नागिरक की इस दिशा में जिम्मेदारी बनती है। इतना ही नहीं इस दौरान वित्त मंत्री का कहना था कि उच्च विकास दर से हमेशा कर्मचारियों और श्रमिकों के हितों की सुरक्षा होगी। एक कुशल अर्थव्यवस्था हमेशा उद्योग और श्रमिकों की सुरक्षा करेगी। सुस्त उद्योग रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर सकता। केवल सक्षम उद्योग में ही नौकरियां पैदा हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि तर्कसंगत कर प्रणाली नौकरियां पैदा करने में समर्थ होगी। करों का बोझ बढ़ाने वाली व्यवस्था नौकरियां पैदा नहीं कर सकती। इसी तरह कुशल उद्योग न केवल अच्छा वेतन देने बल्कि सरकार को भी संपन्न बनाने में समर्थ होंगे। फलस्वरूप सरकार भी ज्यादा नौकरियां पैदा करने और सामाजिक सुरक्षा देने में समर्थ होगी। इसलिए यह हमारी ही जिम्मेदारी है कि हम अर्थव्यवस्था को उस दिशा में ले जाएं।

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