-प्रापर्टी डीलिंग में पार्टनर ने दिया था धोखा

-बिजनेस में संभलने का मौका नहीं पाए रमेश

GORAKHPUR: बिजनेस में घाटे से उबरने के लिए रमेश को थोड़ा वक्त मिल जाता तो शायद पांच लोगों की जान नहीं जाती। रमेश ने खुद सबको जहर देकर मारा फिर रेलवे ट्रैक पर जाकर खुदकुशी कर ली। या फिर परिवार के लोग रात में जहर खाकर सो गए। सुबह नींद खुलने पर रमेश ने आत्मग्लानि में जान गंवाई। घटना स्थल पर मौजूद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों और पब्लिक के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ी थी। घर से करीब ढाई किलोमीटर दूर डोमिनगढ़ रेलवे ट्रैक पर सूर्य विहार के सामने रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे रमेश के कूदने को लेकर तरह-तरह के सवाल उपज रहे थे। पुलिस मान रही थी कि गुस्से में आकर रमेश की फैमिली ने जहर खा लिया। पत्नी-बच्चों की मौत के बाद रमेश को अपनी गलती का अहसास हुआ, जिस पर उन्होंने भी खुदकुशी कर ली। रमेश के मकान के कमरे, दीवारें उनकी तंगहाली की गवाही दे रही थी। एक ही कमरे में पूरा कुनबा सोता था। रमेश के लिए तख्त बिछा था तो उनके बच्चे फर्श पर बिछौना लगाकर सोते थे। दीवारों पर कोई पेटिंग नहीं थी। छोटे से कमरे में इनवर्टर, आलमारी सहित सारे सामान रखे जाते थे। बगल में एक छोटा सा किचन किसी तरह से एडजस्ट कर बनाया गया था। रहन-सहन की हालत देखकर हर कोई इस बात का अंदाजा लगा ले रहा था कि वाकई परिवार की माली हालत काफी खराब हो चुकी थी। लोग चकित थे कि महेवा मंडी के एक बिजनेसमैन की हालत ऐसी भी हो सकती है।

तगादे से टूट चुका था प्रतििष्ठत परिवार

रमेश के परिवार की गिनती एक प्रतिष्ठित परिवार में होती थी। छह भाइयों में पांचवें नंबर के रमेश, उनके बड़े भाई चौथे नंबर के गणेश और सबसे छोटे दिनेश की फैमिली हसनगंज के तीन मंजिला मकान में रहती है। मकान के सेकेंड फ्लोर पर रमेश का परिवार रहता था। जबकि, अन्य तीन भाइयों नरेश, सुरेश और सबसे बड़े दीपचंद का परिवार अलग-अलग जगहों पर रहता है। 35 साल से दाल, तेल-घी, गुड़ सहित अन्य बिजनेस करने वाले रमेश ने पहली पत्नी की मौत के बाद सरिता से दूसरी शादी की थी, जिनसे बेटा आयुष पैदा हुआ। बड़ा बेटा रजत अपने पिता संग बिजनेस संभाल रहा था। बड़ी बेटी रचना बीए कर चुकी थी। बेटी पायल 12 और छोटा बेटा आयुष सातवीं के स्टूडेंट थे। परिवार से जुड़े लोगों ने बताया कि सम्मान के साथ बिजनेस करने वाले रमेश को ढाई साल पहले एक प्रापर्टी डीलिंग में काफी नुकसान हुआ था। बताया जाता है कि उनके पार्टनर ने दगा देते हुए सारे पैसे की बेइमानी कर ली। इससे रमेश की कमर टूट गई। बिजनेस संभालने के लिए उनको लाखों रुपए का कर्ज लेना पड़ा गया था। बताया जाता है कि रविवार सुबह भी कुछ लोग तगादा के लिए पहुंचे थे। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।

बच्चों के लिए चाय बनाते थे रमेश

किचन में बिना दूध की चाय जैसी तरल चीज मिली। कुछ लोगों ने पुलिस को बताया कि रोजाना सुबह रमेश ही बच्चों के लिए चाय तैयार करते थे। आशंका है कि रमेश ने सुबह चाय में ही सबको जहर पिलाया। इसके बाद वह मोपेड लेकर घर से निकल गए। मोहल्ले में लोगों ने उनको जाते हुए देखा था। पेट दर्द होने पर बेटी छटपटाकर मदद के लिए बाहर भागी। जबकि, अन्य लोग बिस्तर पर ही पड़े रहे। हालांकि बड़ी बेटी के बयान के आधार पर पुलिस दावा कर रही कि रात में भोजन करने के बाद सभी लोगों ने रजामंदी से चूरन की तरह जहर खाया। लेकिन रमेश और उनकी एक बेटी के सुबह आठ बजे तक जिंदा रहने की बात समझ से परे थी। माना जा रहा है कि रमेश ने खुद जहर नहीं खाया। कमरे में किचन का सारा सामान व्यवस्थित ढंग से पड़ा था। कमरे में रात के समय की खाने-पीने की कोई चीज नहीं मिली। चाय के जूठे बरतनों के अलावा वहां कुछ भी नहीं था।

तीन थानों ने भरा पंचनामा, चोट से रमेश्ा की मौत

एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत के बाद तीन थानों की पुलिस ने पंचनामा भरा। तिवारीपुर पुलिस ने रमेश का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हाउस भेजा। सिर में चोट लगने से रमेश के मौत होने की पुष्टि हुई। पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों का पैनल बनाया गया। पुलिस का कहना है कि रमेश सूरजकुंड ओवरब्रिज पर अपनी मोपेड खड़ी करके ट्रेन के आगे कूद गए थे। झटका लगने पर वह ट्रैक किनारे गिरकर मर गए

बॉक्स

घटना पर सीएम ने जताया दुख

एक ही परिवार के पांच लोगों की खुदकुशी करने की घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया। मेयर सीताराम जायसवाल ने सीएम को पूरे मामले की जानकारी दी। सीएम ने परिवार के सदस्यों के सुसाइड करने पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावित परिवार को हर संभव मदद करने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया। उन्होंने दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतृप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्ति की।