-एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर बोले, पीयू सुधार करे

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क्कन्ञ्जहृन्: पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष का समापन समारोह इतिहास को याद करते हुए बीत गया। पीयू वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने पटना यूनिवर्सिटी के इतिहास और इसकी गरिमा पर चर्चा की। स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा यूनिवर्सिटी है जिसने बिहार को कई महान विभूति दी है। इसमें पूर्व नेता, वर्तमान नेता, वैज्ञानिक और कई शिक्षाविद् शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहले यह 'आक्सफोर्ड ऑफ इस्ट' कहा जाता था तो आज भी 'ब्रेन कैपिटल ऑफ बिहार' कहा जाता है। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों के स्थापना वर्ष और उन कॉलेजों के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्जवलित करते हुए किया।

जो पैसे मिले खर्च नहीं कर सके

बापू सभागार में आयोजित समारोह में वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि 12वीं योजना के अंतर्गत जो विकास कार्य के लिए पैसे मिले, वह खर्च नहीं कर सके। आश्वस्त करता हूं कि मौका दें विश्वविद्यालय को बेहतर करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कमियां स्वीकारते हुए कहा कि कभी-कभी कुछ समय के लिए ठहराव आ जाता है, ठीक वैसा ही समय आ गया है। उन्होंने अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह, शॉल और पौधे देकर किया।

इंडस्ट्री -एकेडमिया इंटरैक्शन हो

बतौर चीफ गेस्ट प्रकाश जावडेकर ने कहा कि शिक्षा से किसी को वंचित नहीं होने दिया जाएगा। एजुकेशन लोन को सुगम बनाया गया है। वर्ष 2014 से पहले 800 करोड़ खर्च होते थे, जबकि फिलहाल इस मद के लिए 1800 करोड़ रुपए केन्द्र खर्च कर रहा है। आने वाले वर्षो में इसमें 2200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 13-14 तक राज्य सरकार का उच्च शिक्षा बजट 64 करोड था। यह अब 85 करोड़ रुपये है और उच्च शिक्षा में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.प्रकाश जावडेकर ने कहा कि आज हमलोग शोध में पीछे हैं। बाजार को जो जरूरत है उसके मुताबिक आगे बढ़ना होगा। इसके लिए छात्रों और शिक्षकों को मिलकर काम करना होगा। इससे इंडस्ट्री - एकेडमिया को बढ़ावा मिलेगा।