lucknow@inext.co.in
LUCKNOW :
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां, उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ। तंजीन फातिमा और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला रामपुर व लखनऊ से दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में फंस गए हैं। तीनों के खिलाफ गंज थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है।

रामपुर व लखनऊ से बनवाए गए जन्म प्रमाणपत्र
भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक व पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना ने बीती 20 दिसंबर को एसपी रामपुर  को प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर एसपी शिव हरि मीना ने मामले की जांच एएसपी अरुण कुमार को सौंपी थी। जांच पूरी होने के बाद गुरुवार को गंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई। वादी आकाश की तहरीर में कहा गया है कि अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र हैं। पहला जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बनवाया गया। 28 जून 2012 को जारी किए गए इस प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला की जन्म तिथि एक जनवरी 1993 है। इसकी पंजीकरण संख्या आरएनपीबी 2012-03857 है, जो आजम खां और उनकी पत्नी तंजीन द्वारा दिए गए शपथ पत्र के आधार पर है। इसमें जन्म स्थान रामपुर दर्शाया गया है। दूसरा प्रमाण पत्र 21 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम से जारी किया गया है, जिसकी पंजीकरण संख्या-एनएनएलकेओ-बी-2015-292611 है। यह प्रमाण पत्र क्वीन मैरी हास्पिटल लखनऊ से जारी किए गए डुप्लीकेट जन्म प्रमाण पत्र क्रम संख्या-718 दिनांक 21-4-2015 के आधार पर बना है। इसमें जन्म स्थान लखनऊ दर्शाया गया है।

पहले प्रमाण पत्र से पासपोर्ट
तहरीर में बताया गया कि रामपुर नगरपालिका से जारी किए गए पहले जन्म प्रमाण पत्र से अब्दुल्ला ने पासपोर्ट बनवाकर विदेश यात्राएं की हैं। लखनऊ से जारी प्रमाण पत्र का सरकारी दस्तावेजों एवं जौहर विश्वविद्यालय की विभिन्न मान्यताओं में उपयोग किया गया। दोनों जन्म प्रमाण पत्र कूटरचना एवं सुनियोजित षडयंत्र रचकर निजी लाभ के लिए आजम खां, तंजीन फातिमा व अब्दुल्ला द्वारा बनवाए गए। पुलिस ने तीनों के खिलाफ जालसाजी की रिपोर्ट लिखी है। पुलिस अधीक्षक शिव हरि मीना का कहना है कि विधिक राय लेने के बाद रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

चुनाव के दौरान शुरू हुआ उम्र विवाद
अब्दुल्ला आजम की उम्र पर विवाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शुरू हुआ था। तब अब्दुल्ला स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी थे, जबकि उनके मुकाबले पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां बसपा से उम्मीदवार थे। अब्दुल्ला ने नामांकन पत्र के साथ उम्र दर्शाने के लिए हाईस्कूल का प्रमाण पत्र दाखिल नहीं किया था। नवेद मियां ने उसी समय चुनाव अधिकारी के सामने आपत्ति दाखिल की थी कि अब्दुल्ला की उम्र कम है, लेकिन नवेद मियां साक्ष्य के तौर पर अब्दुल्ला के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र की कापी नहीं दे सके। इस पर चुनाव अधिकारी ने अब्दुल्ला का नामांकन सही माना था। चुनाव के बाद नवेद मियां ने अब्दुल्ला के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र की छाया प्रति प्राप्त कर ली। हाईकोर्ट में मुकदमा भी दायर कर दिया, जो अभी विचाराधीन है।

सपा के मंच पर भाजपा के शत्रुघ्न और यशवंत ने साधा सरकार पर निशाना, अखिलेश को बताया नया सितारा

पापा शत्रुघ्न सिन्हा के साथ पहली बार इस फिल्म में एक्टिंग करती नजर आएंगी सोनाक्षी

 

National News inextlive from India News Desk