करीब एक लाख डेड कंज्यूमर

बरेली मंडल में करीब 6,52,286 व बरेली अर्बन में 1,50,000 कंज्यूमर्स हैं। इनमें से कई कंज्यूमर्स ऐसे हैं जिनकी डेथ हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो बरेली मंडल में डेड कंज्यूमर्स की संख्या करीब एक लाख के आस-पास जबकि बरेली अर्बन में ऐसे कंज्यूमर्स की संख्या 24,000 होगी।

1146 पकड़े गए

बिजली चोरी के खिलाफ चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान अब तक सैकड़ों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। 31 मई से 22 अगस्त के बीच सीबीगंज, किला, सिविल लाइंस, डीडीपुरम, श्यामगंज सहित अन्य एरिया में 1146 कंज्यूमर्स बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए थे। इनमें से 544 कंज्यूमर्स ने करीब 54 लाख फाइन जमा किया। जबकि फाइन जमा नहीं करने वाले 602 कंज्यूमर्स के खिलाफ थानों में केस दर्ज करा दिया गया। सोर्सेज की मानें तो जिन 602 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है उनमें से कई लोगों की बहुत पहले ही डेथ हो चुकी है।

अधिकारी नहीं करते पहल

कंज्यूमर्स के अलावा इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि जिनके नाम से कनेक्शन नंबर है, उनकी डेथ के बाद वारिस के नाम पर कनेक्शन नंबर ट्रांसफर कर दिया जाए। टाइम टू टाइम सर्वे कर डिपार्टमेंट को डेड व्यक्तियों का नाम बिजली कनेक्शन से हटा देना चाहिए। मगर अधिकारियों ने सालों से इस मामले में कोई पहल नहीं की है।

क्या है process

किसी कंज्यूमर की डेथ के बाद उसके वारिस को अपने नाम पर कनेक्शन ट्रांसफर करा लेना चाहिए। कनेक्शन ट्रांसफर के लिए मृत व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट, एफिडेविट और लास्ट जमा किए गए बिजली बिल की जरूरत पड़ती है। फैमिली का कोई एक मेंबर अपने नाम पर बिजली कनेक्शन नंबर ट्रांसफर करा सकता है। वहीं बाकी फैमिली मेंबर्स को एनओसी जमा करना होता है।

'जिनके नाम से बिजली कनेक्शन है उनकी डेथ पर वारिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस बात की इंफॉर्मेशन डिपार्टमेंट को दे। डेथ की जानकारी नहीं होने की वजह से ऐसे लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो ही

जाती है.'

वीपीसी सक्सेना, एसई, अर्बन, हाइडिल विभाग

Report by-Prashant Singh