RANCHI:राज्यभर के डॉक्टरों का रविवार को राजभवन के सामने मार्च के दौरान पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई थी। इस मामले में मजिस्ट्रेट संजीव लाल के निषेधाज्ञा उल्लंघन के बयान के बाद कोतवाली थाने में 250 डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। इससे पूर्व दोपहर में प्रदर्शन के दौरान कोतवाली थाना पुलिस ने डाक्टर्स की वीडियो रिकार्डिग भी की।

यह है मामला( प्वाइंट टू बी नोटेड)

झारखंड सरकार द्वारा जारी आदेश के तहत डॉक्टरों को मुखिया से छुट्टी लेना मंजूर नहीं है। इसी के विरोध में राज्यभर के डॉक्टर आंदोलन के लिए सड़क पर उतर आए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें छुट्टी के लिए मुखिया से परमिशन लेना मंजूर नहीं है। क्योंकि 29 विभागों को पंचायती राज के तहत लाया जाना है। लेकिन सरकार ने केवल डॉक्टरों को ही टारगेट कर रखा है। इसके लिए चाहे उन्हें सरकार से पेमेंट मिले या न मिले, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे। अगर सरकार जिले के किसी उच्च अधिकारी को इसके लिए नियुक्त करती है, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। दो नवंबर के सामूहिक अवकाश के बाद 15 को सामूहिक इस्तीफा दिया जाएगा।

क्या कहते है डॉक्टर्स

एक गांव का मुखिया, जो काफी कम पढ़ा-लिखा होता है, उसे हमारी ड्यूटी तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। हमारे अटेंडेंस भी अगर मुखिया चेक करेगा, तो इससे बड़ी बेइज्जती और क्या होगी। सरकार को अपना आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए।

डॉ। अशोक कुमार

हमारे स्टेट में व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने हमारा अटेंडेंस चेक करने और छुट्टियां देने का पावर गांव के मुखिया को दे दिया है। एक पढ़े-लिखे इंसान को अगर यह जिम्मेदारी दी जाती, तो हमलोगों को कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन मुखिया को यह जिम्मेवारी कतई नहीं मिलनी चाहिए।

डॉ। सव्यसाची

हमलोग सरकार की इस नीति का विरोध करते है। अगर एक मुखिया हमारी ड्यूटी तय करेगा, तो यह हमें मंजूर नहीं है। अगर यह पावर उच्च अधिकारियों को दिया जाता, तो ठीक रहता। लेकिन सरकार के इन फैसलों से यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर सरकार राज्य में क्या चाहती है।

डॉ.अजीत

सरकार को अपना यह फैसला तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए। सरकार ने डॉक्टरों को ही टारगेट किया है। इसके लिए और भी विभागों को रखने की बात है। अगर सरकार इसे लागू करती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। सरकार जल्द ही इस मामले में कोई फैसला नहीं लेती है, तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।

डॉ। विमलेश