- विभूतिखंड पुलिस ने दर्ज की तीन एफआईआर

- प्लॉट खरीदने के बाद बैंक की ओर से पहुंचा रिकवरी नोटिस

LUCKNOW : विभूतिखंड स्थित रोहतास प्रेसिडेंशियल आर्केट में कॉमर्शियल प्लॉट देने के नाम पर कंपनी के डायरेक्टर्स ने तीन कारोबारियों को 46.46 करोड़ की चपत लगा दी। दरअसल, प्लॉट खरीदने के बाद कारोबारियों ने इसे किराये पर दे दिया। इसी बीच उनके पास दो बैंकों से लोन रिकवरी नोटिस पहुंचा। कारोबारियों ने जब छानबीन की तो पता चला कि कंपनी ने उनके प्लॉट पर बैंकों से 31 करोड़ रुपये का लोन ले रखा है। हलकान कारोबारियों ने एसएसपी से मामले की शिकायत की। एसएसपी के आदेश पर विभूतिखंड पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज कर ली हैं।

नोटिस देख हैरान रह गए

इंदिरानगर निवासी कारोबारी स्वप्निल अग्रवाल के मुताबिक, उन्होंने जून 2013 में रोहतास प्रेसिडेंशियल आर्केड में 98.79 लाख रुपये के दो कॉमर्शियल प्लॉट लिये थे। मई 2016 में उन्हें अलॉटमेंट लेटर मिल गया। जिसके बाद सितंबर 2017 में उन्होंने रजिस्ट्री करवा ली। उन्होंने यह दोनों प्लॉट किराये पर दे दिये। स्वप्निल के मुताबिक, बीती 10 जुलाई को उनके पास कैपिटल फ‌र्स्ट लिमिटेड फाइनेंस कंपनी का नोटिस आया। जिसमें उनके दोनों प्लॉट को बंधक रखे होने का जिक्र था। यह देख उनके होश उड़ गए। छानबीन में पता चला कि रोहतास बिल्डर के डायरेक्टर परेश रस्तोगी ने उनके प्लॉट को बंधक रखकर वर्ष 2014 में 12.28 करोड़ रुपये का लोन लिया था। जबकि, दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन से भी इसी प्रॉपर्टी को गिरवी रख 4.25 करोड़ रुपये का लोन ले लिया।

दो और कारोबारी हुए शिकार

इसी तरह नाका के बलरामपुर स्टेट निवासी गुंजित कालरा ने भी इसी स्कीम में 1.30 करोड़ रुपये के दो कॉमर्शियल प्लॉट खरीदे। दिसंबर 2017 को रोहतास निदेशक ने रजिस्टी कर दी। बाद में गुंजित ने यह प्रॉपर्टी किराये पर दे दी। बीती 29 सितंबर को उन्हें भी इलाहाबाद बैंक से 9.49 करोड़ रुपये के लोन का नोटिस मिला। जिसमें उनके दो प्लॉट बंधक रखे गए थे। जांच में पता चला कि कंपनी के डायरेक्टर परेश ने यह प्रॉपर्टी बैंक में गिरवी रख 9.40 करोड़ रुपये का लोन लिया था। वहीं, दीवान हाउसिंग से भी इसी प्रॉपर्टी पर 4.25 करोड़ रुपये का लोन लिया गया था। इसी तरह गोरखपुर निवासी कारोबारी अजय गुप्ता ने भी 2.35 करोड़ रुपये का प्लॉट खरीदा और एक कंपनी को किराये पर दे दिया। बीती 29 सितंबर को उन्हें भी इलाहाबाद बैंक का नोटिस मिला जिसमें उन पर 9.49 करोड़ रुपये का जिक्र था। परेश रस्तोगी ने इसी प्लॉट पर दीवान हाउसिंग से भी 4.25 करोड़ रुपये का लोन ले रखा था। एएसपी नॉर्थ अनूप सिंह ने बताया कि पीडि़तों से पूरे दस्तावेज पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिये हैं। जांच कर कंपनी के डायरेक्टर्स को पूछताछ के लिये बुलाया जाएगा।