-बड़कागांव थाने में एनटीपीसी ने दर्ज कराया मामला
-450 लोगों के साथ चार को देंगे गिरफ्तारी
-प्रोजेक्ट कैंपस में अवैध रूप से घुसने व मजमा लगाने का मामला
RANCHI: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा व बड़कागांव विधायक निर्मला देवी के खिलाफ बड़कागांव थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) ने इन नेताओं के अलावा ब्भ्0 अज्ञात लोगों के खिलाफ परियोजना परिसर में अवैध रूप से घुसने और मजमा लगाने के आरोप में मामला (क्78/क्म्) दर्ज कराया है।
क्ख् साल से आंदोलन
बड़कागांव में कैप्टिव कोल ब्लाक के नाम पर एनटीपीसी को पकरी बरवाडीह में कोयला खदान का आवंटन हुआ है। इस परियोजना के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा वर्ष ख्00ब् से ही आंदोलन चलाया जा रहा है। लोग परियोजना क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हैं। इसे लेकर वहां चिता सत्याग्रह चल रहा था। बड़कागांव में बुद्धिजीवी मंच की ओर से तीन लोग चिता पर बैठकर आंदोलन कर रहे थे। आंदोलन के समर्थन में उपर्युक्त नेतागण ख्ब् जुलाई को बड़कागांव गए थे, जहां उन्होंने आंदोलनकारियों से मुलाकात की। सभा भी हुई थी, जिसे एनटीपीसी ने अवैध मानते हुए एफआईआर दर्ज कराया है।
चार को सामूहिक गिरफ्तारी
विपक्ष के जिन नेताओं पर मामला दर्ज हुआ है, उन्होंने चार अगस्त को सामूहिक रूप से गिरफ्तारी देने का फैसला लिया है। कांग्रेस, झारखंड विकास मोर्चा, राजद और सीपीआई के नेताओं ने स्थानीय आंदोलनकारियों के साथ मिलकर जेल भरो आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है।
कई बार हो चुका है संघर्ष
हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी के खिलाफ कई बार स्थानीय आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच टकराव होता रहा है। पूर्व विधायक योगेंद्र साव ने दो साल पहले उपायुक्त के दफ्तर में हो रही बैठक के दौरान अपने समर्थकों के साथ हंगामा भी किया था, इसमें पुलिस के साथ हुई भिड़ंत में कथित रूप से उनके कान का पर्दा भी फट गया था। इस मामले में उनके खिलाफ आज भी मुकदमा चल रहा है। फिलहाल उनकी पत्नी और स्थानीय विधायक निर्मला देवी आंदोलन की कमान संभाल रही हैं। बुद्धिजीवी मंच के नेता लखेंद्र ठाकुर का आरोप है कि पुलिस और कुछ दबंग किस्म के लोग आये दिन स्थानीय लोगों के साथ मारपीट करते हैं। हाल ही में परियोजना क्षेत्र के प्रभावित लोगों के मारपीट की घटना घटी थी।
कोट:::
सरकार अवैध रूप से स्थानीय लोगों की जमीन छीनने पर आमादा है। इसका विरोध करने पर आंदोलन को असंवैधानिक तरीके से कुचला जा रहा है। विपक्ष के नेताओं पर एफआईआर हुई है, तो हम स्वेच्छा से जेल जाने को तैयार हैं। अब सरकार बड़ी संख्या में लोगों को जेल में रखने की व्यवस्था कर ले।
-बाबूलाल मरांडी, अध्यक्ष, जेवीएम
कोट:::
वर्ष ख्00ब् से ख्0क्म् तक एक भी ग्राम सभा नहीं हुई है। भूमि अधिग्रहण कानून-ख्0क्फ् के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए जमीन छीनने की कोशिश की जा रही है। संयुक्त बिहार के दौरान किसी नेता पर कभी सीसीए नहीं लगा। कभी किसी को जिला बदर नहीं किया गया, लेकिन मौजूदा सरकार मनमानी पर उतर आई है। इसका जवाब जोरदार तरीके से दिया जाएगा।
-सुबोधकांत सहाय, पूर्व केंद्रीय मंत्री
कोट:::
मौजूदा सरकार संथालपरगना से लेकर पलामू तक लोगों की जमीन छीनने की तैयारी में जुटी है। विपक्षी दलों के हजारों कार्यकर्ता इस जुल्म के खिलाफ जेल जाने को तैयार हैं। जमीन बचाने के इस संघर्ष को व्यापक स्वरूप दिया जाएगा। मजलूमों की आवाज दबने नहीं दी जाएगी।
-गौतम सागर राणा, प्रदेश अध्यक्ष, राजद