- अकबर टॉम्ब परिसर में ही जला रहे कचरा

- विश्व की धरोहर के साथ बेखौफ खिलवाड़

आगरा। अंधेरगर्दी का आलम यह है कि विश्वविख्यात धरोहरों में ही खुलेआम कचरा जलाया जा रहा है। इससे न सिर्फ ऐतिहासिक इमारतों पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। ये उस दौरान हो रहा है, जब टीटीजेड में पुराने डीजल वाहनों को चलाने में पाबंदी लगा दी गई है। इसके बावजूद जिले के अधिकारियों की नाक के नीचे ताजनगरी के ऐतिहासिक स्थल परिसर पर ही कचरा जलाया जा रहा है।

पर्यटकों को हुई परेशानी

सिकंदरा स्थित अकबर टॉम्ब पर्यटन स्थलों में शुमार है। यहां विदेशी पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है। शनिवार दोपहर को परिसर के भीतर ही गार्डन के पास आग लगा दी गई। एक महिला गार्डन का कूड़ा करकट डालती रही। इससे आग की लपटें दूर-दूर तक फैली। उसका धुआं चारों ओर घंटों तक फैलता रहा और पर्यावरण को प्रदूषित करता रहा। इतना ही नहीं पर्यटकों को भी काला धुआं से परेशानी हुई। लेकिन मौजूद पर्यटन प्रशासन और एएसआई के अधिकारियों की नींद नहीं टूटी। उनकी आंखों के सामने कूड़ा जलता रहा।

सूखे कुआं में जलाते हैं कूड़ा

परिसर के भीतर गार्डन के किनारे पर एक पुराना कुआं है। सूखे कुएं में पूरे पर्यटन स्थल की गंदगी डाली जाती है और उसे आग के हवाले कर दिया जाता है। यह काम सालों-साल से चल रहा है।

ताज तक पहुंची आंच

ताज महल के आसपास आग से लेकर प्रदूषण फैलाने पर सख्ती से रोक है। सुप्रीम कोर्ट तक मामले में संजीदा है। इसके बावजूद ताजमहल के आसपास कचरा और कबाड़ में आग लगाई जा रही है। इससे ताज प्रदूषित भी हो रहा है। शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। ताज महल से लगभग एक किमी। के दायरे में एक कबाड़ गोदाम में आग लग गई। इसका काला धुआं ताज के इर्द-गिर्द भी देखा गया, लेकिन अधिकारियों के कान खड़े नहीं हुए हैं।

25 हजार तक है जुर्माना

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने 22 दिसंबर 2016 को पूरे देश में खुले में कचरा जलाने पर रोक लगा दी। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने खुले में कचरा जलाने वाले प्रत्येक मामले में 5,000 का जुर्माना और बड़े पैमाने पर कचरा जलाने वाले में 25,000 का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।