इस घटना को सिटी में हुए भीषणतम अग्निकांडों में से एक माना जा रहा है। आग पर काबू पाने में फायर डिपार्टमेंट, आरएएफ और यहां तक कि आर्मी के जवानों के माथे पर भी पसीने आ गए। 16 घंटे बीतने के बाद भी फ्राइडे को आग पर काबू पाने की कोशिशें जारी थीं।

कमरे में भर गया था धुआं

सिविल लाइंस नवाब यूसुफ रोड पर खरबंदा ब्रदर्स रहते हैं। घर के तीन तरफ मार्केट बनी हुई है। इनमें आटो पाट्र्स की शॉप हैं। खरबंदा ब्रदर्स की खुद की भी ऑटो पाट्र्स शॉप है। इन सभी शॉप्स में मोबिल ऑयल, बैट्री व लेदर का अन्य सामान रखा हुआ था। थर्सडे नाइट सभी लोग सो रहे थे। करीब एक बजे कमरों में धुआं फैला तो लोगों की नींद खुली। भागकर बाहर आए तो देखा कि दुकान से आग की लपटें निकल रही थीं। देखते ही देखते आग घर तक फैल गई।

गाडिय़ों ने बंद किया था रास्ता

घर के एंट्री प्वाइंट की साइड कई गाडिय़ां पार्क थीं। ऐसे में फायर बिग्रेड वहां पहुंच नहीं पा रही थी। फैमिली में 14 मेंबर्स हैं। बदहवास होकर वे एक-दूसरे को ढूढ़ते रहे। इसी दौरान सुनील व सुशील खरबंदा की 55 वर्षीय बहन शशि ओबराय कमरे में घुस गईं। दरअसल उन्हें आशंका थी कि कोई फैमिली मेंबर वहीं फंसा रह गया है। उसे निकालने के लिए ही वह कमरे में गईं। घरवालें उन्हें रोकते रहे लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी।

बाहर नहीं आ सकीं

एक घंटे के भीतर घर सहित पूरा मार्केट भी आग की चपेट में आ चुका था। खरबंदा ऑटो पाट्र्स के गोदाम में रखी हुई बैट्रीज भी आग की तपिश से फटने लगी। जिस कमरे में शशि गईं थी वह धुएं से भरा था। इसके बाद शशि बाहर नहीं आ सकीं। सूचना पर तमाम थानों की फोर्स समेत एसएसपी नवीन अरोरा भी मौके पर पहुंचे। पानी से आग पर कंट्रोल न होते देख तीन ट्राली बालू मंगवाई गई। हालांकि आग की भयावहता के चलते बालू को अंदर फेंकने का रास्ता नहीं बन पा रहा था।

छत में किया गया छेद

धीरे-धीरे आग और भयानक होती जा रही थी। आग ने गोदाम, घर व मार्केट को पूरी तरह से जद में ले लिया था। फायर कर्मचारी लाख कोशिशों के बावजूद पानी अंदर नहीं डाल पा रहे थे। ऐसे में छत पर ड्रिल मशीन से छह जगह छेद करके पानी अंदर फेंका गया। घटना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फ्राइडे को लगभग पूरे दिन आग पर काबू पाने की मशक्कत चलती रही। मार्केट में ज्यादातर दुकानें किराए पर दी गई थीं। इनमें भी लाखों का माल रखा हुआ था। ये सभी सामान आग की चपेट में आकर राख हो गए। बचाव कार्य के दौरान मोहनलाल नाम का एक फायरकर्मी भी बुरी तरह से झुलस गया।