- बरेली फायर डिपार्टमेंट से 2 टेंडर और फायर कर्मी गए कुंभ ड्यूटी
- 44,48,359 आबादी 2011 सेंसस के आधार पर
-97 फायरकर्मी-अधिकारी के जिम्मे इतनी आबादी
-7 फायर स्टेशन हैं सिर्फ जिले में
-1 मेन फायर स्टेशन सिविल लाइंस में है शहर में
-9 लाख से अधिक आबादी है सिटी में
-10 फायर टेंडर हैं पूरे जिले में
-5 फायर टेंडर हैं सिर्फ शहर में
-35 लाख रुरल आबादी में सिर्फ 6 फायर टेंडर
-46 हाइड्रेंट हैं सिटी एरिया में
-8 हाइड्रेंट जिनमें हो चुके हैं विलुप्त
================
-1 सीएफओ की पोस्ट पर पीलीभीत सीएफओ को दिया गया चार्ज
-7 फायर स्टेशन ऑफिसर में सिर्फ 1 है मौजूद
-9 फायर सब स्टेशन ऑफिसर में कोई मौजूद नहीं
-19 लीडिंग फायर ऑफिसर के मुकाबले सिर्फ 16
-136 फायरमैन में सिर्फ 58 ही हैं मौजूद
-21 ड्राइवर फायर टेंडर चलाने के लिए मौजूद
==============
कुंभ ड्यूटी में गए
2-फायर टेंडर
04-कॉन्स्टेबल
1-ड्राइवर
1-एचसीपी
==============
यहां देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड
- 7 दिसम्बर को नवोदय हॉस्पिटल मिनी बाईपास पर आग लगने के 1 घंटे बाद पहुंची
-4 नवम्बर को ओल्ड सिटी के पैराडाइज मैरिज हॉल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग के दौरान आधा घंटा देरी से पहुंची
- सीबीगंज में थाने के पास चलती कार में लगी आग के दौरान आधा घंटा देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड
-कुतुबखाना पर नवम्बर माह में शॉप पर लगी आग में आधा घंटा देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड
<द्गठ्ठद्द>क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ<द्गठ्ठद्दद्गठ्ठस्त्र> :
शहर में कहीं आग लगे तो इसके लिए फायर डिपार्टमेंट पर कम ही भरोसा करिए। क्योंकि, फायर डिपार्टमेंट के पास न तो फायर टेंडर ही पूरे हैं और न स्टाफ। इसीलिए बरेलियंस आग से बचाव के लिए खुद ही तैयार रहें तो बेहतर है। कुंभ ड्यूटी के लिए दो फायर टेंडर और फायर कर्मी भी चले गए हैं, इससे स्थित पर और भी संकट खड़ा हो गया है।
एक टेंडर कोर्ट से रिलीव नहीं
फायर डिपार्टमेंट के पास गिनती में तो पूरे पांच फायर टेंडर हैं। इसके अलावा एक पे्रसर है। लेकिन, इसमें एक फायर टेंडर दो माह पहले ही एक्सीडेंट के बाद कोर्ट केस के चलते ऑफिस में खड़ा रहता है। कोर्ट ने अभी तक उसे रिलीव ही नहीं किया है। इसके बाद दो फायर टेंडर और 12 फायर कर्मी कुंभ ड्यूटी के लिए चले गए। अब फायर डिपार्टमेंट में एक छोटा पे्रशर और दो फायर टेंडर ही बचे हैं। जिसके सहारे पूरे बरेली की सुरक्षा है। किसी वक्त कहीं से आग की सूचना आने पर दो फायर टेंडर हैं जिसे विभाग रवाना कर देता है उसके बाद कहीं जरूरत पड़ने पर फायर डिपार्टमेंट के पास बचाव के लिए कोई साधन नहीं है।
======
दो फायर टेंडर और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी कुंभ में लगी है। वह ड्यूटी के लिए चले गए। अब एक बड़ा बाउजर और एक फायर टेंडर है।
सोमदत्त सोनकर, एफएसओ