- पांच हेक्टेयर एरिया प्रभावित, एयर फोर्स के जवानों ने बुझाई आग

- बुढिया माई मंदिर से दिख रही थी आग, भागने लगे श्रद्धालु

- जंगल में बार-बार आग लगने की वजह तलाश रहा विभाग

KUSAMHI BAZAR: खोराबार थाना क्षेत्र के कुसम्ही जंगल के रजही बीट में शुक्रवार को सुबह दस बजे अचानक आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने पांच हेक्टेयर एरिया को अपनी चपेट में ले लिया। जंगल की झाडि़यां धू-धूकर जलने लगीं। बुढि़या माई मंदिर पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई। वे जान बचाने के लिए जंगल से बाहर भागने लगे। मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी व आम लोगों की कोशिश नाकाम रही। इसी बीच वाटर टैंकर लेकर एयर फोर्स पहुंच गई। जवानों ने कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया।

सुबह 10 बजे लगी आग

जंगल के रजही बीट में वन चौकी के सामने व हाईवे के पास सुबह 10 बजे अचानक आग लग गई। आग फैलने लगी और लगभग पांच हेक्टेयर एरिया आग की चपेट में आ गया। जंगल में आग बढ़ती ही जा रही थी। आग का धुआं दूर-दूर तक जा रहा था। इससे आसपास के गांवों में अफरातफरी मच गई।

ठहर गया हाईवे

आग की लपटे हाईवे तक पहुंच रही थी। इससे हाईवे पर आवागमन ठहर गया। गाड़ी वाले दूर ही अपनी गाड़ी रोक दे रहे थे। बुढि़या माई मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं में भी अफरातफरी मच गई। लोग अपना वाहन लेकर भागने लगे। लोग डर गए कि कहीं आग से घिर गए तो जान बचानी मुश्किल होगी।

वन विभाग असहाय

आग हाईवे के एक तरफ ही थी लेकिन हवा के झोंकों ने उसे दूसरी तरफ पहुंचा दिया। मौके पर वन दरोगा दिनेश चौरसिया, अजीत प्रताप सिंह मातहतों के साथ पहुंच गए। लोगों के साथ मिलकर आग बुझाने की कोशिश में जुट गए लेकिन आग पर इसका कोई असर नहीं था। करीब चार घंटे बीतने के बाद भी आग पर काबू नहीं हो सका तो थक-हारकर एयर फोर्स से मदद मांगी गई।

सेना ने बचा लिया जंगल

सूचना के चंद मिनट में एयर फोर्स के जवान अपनी फायर सर्विस सिस्टम के साथ मौके पर पहुंच गए। पहुंचने के साथ ही जवानों ने लोगों को वहां से हटाकर आग पर पानी बरसाना शुरू कर दिया। करीब आधे घंटे की कोशिश के बाद फोर्स को आग बुझाने में कामयाबी हासिल हो सकी।

कैसे लगती है आग?

कुसम्ही जंगल के अलग-अलग हिस्सों में आए दिन आग लगती है। यह आग कौन लगाता है, कैसे लगती है, यह एक तरह का रहस्य बनता जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना होता है कि आग किसी की लापरवाही से लगी। किसी ने बीड़ी, सिगरेट पीकर फेंक दिया। इससे आग लग गई। वहीं कई बार कहा जाता है कि खेल रहे बच्चों ने आग लगा दी। गर्मी के दिनों में कोई तापने के लिए आग नहीं जलाता है। जाहिर है, जंगल में आग जान-बुझकर ही लगाई जाती है। लोगों का मानना है कि इसमें तस्करों की चाल है। जंगल से काटे गए पेड़ों के निशान मिटाने के लिए वे उस हिस्से में आग लगा देते हैं। यदि वन विभाग गंभीरता से इसके कारणों की तलाश करे तो इसका पता चल सकता है।

----------

कई बीघे खेत में आग, जलने से बचे आधे दर्जन गांव

- फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर ग्रामीणों ने पाया आग पर काबू

- डंठल तक ही रही आग, ग्रामीणों की कोशिश ने बचा लिया गांव

BADHALGANJ: बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र के ओझौली में शुक्रवार को दोपहर में खेत के डंठल में आग लग गई। कुछ ही देर में आग कई बीघे में फैल गई और आधा दर्जन गांव पर खतरा मंडराने लगा। सभी गांवों के लोगों ने खेत को घेर लिया और चारों तरफ से अरहर के डंठल से पीटने लगे। इसी दौरान फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुंच गई। इससे जल्दी ही आग पर काबू पा लिया गया और आग घरों तक नहीं पहुंच सकी।

हवा से फैलती गई आग

कोतवाली क्षेत्र के गढ़वा रामपुर गांव के खेत में आग लगी। खेतों से होकर आग ओझौली गांव तक पहुंच गई। हवा इतनी तेज थी कि कोई कुछ नहीं कर पा रहा था। खेत की फसल कट जाने से केवल डंठल व खेत में रखे भूसा ही आग की चपेट में आ सके लेकिन थोड़ी ही देर में आग गांव की तरफ बढ़ने लगी। इससे आधा दर्जन गांवों में अफरातफरी मच गई।

पुलिस ने भी दिया साथ

सूचना मिलते ही बड़हलगंज पुलिस मौके पर पहुंच गई। थोड़ी ही देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुंच गई। ग्रामीणों ने आग को गांव की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए बड़ा घेरा बना लिया। गांव के लोग आग बुझाने के लिए अरहर के डंठल व अन्य चीजों से पीटने लगे। इसके बावजूद आग ग़गवा से होते हुए कोकटा, बैसुखिया के बाद ओझौली तक फैल गई। ग्रामीणों के साथ फायर ब्रिगेड और पुलिस भी आग बुझाने में लगी रही। ग्रामीणों की इस कोशिश ने आग को और बढ़ने से रोक लिया और ओझौली में आग बुझ गई। शाम तक की कोशिश के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इसके बाद गांवों के लोगों ने चैन की सांस ली।