- नहीं बचा सके ताई व सास राजबाला को

BAREILLY:

हादसे में मारी गई राजबाला के देवर का बेटा गोविंद और दामाद सचिन ने घटना के वक्त मरीजों की जान बचाने के लाख प्रयास किए, लेकिन दोनों ही हॉस्पिटल प्रबंधन के सिस्टम से हार गए। सचिन ने तुरंत डायल-100 को फोन कर दिया। वहीं गोविंद फायर एक्सटिंग्यूशर से आग बुझाने में जुट गया। फायर एक्सटिंग्यूशर ने काम नहीं किया, जिससे वह अपनी ताई की जान नहीं बचा सका। हालांकि, आईसीयू में एडमिट रामपुर गार्डेन के एसपी अग्रवाल को उन्होंने बचा लिया।

गोविंद फायर एक्सटिंग्यूशर को चलाने की कोशिश करता रहा नहीं निकली गैस

गोविंद ने बताया कि उसने रात 1:30 बजे तक ताई के पैर दबाए। इस बीच हॉस्पिटल अटेंडेंट ने तीन बार आकर बाहर निकल जाने को कहा, लेकिन गोविंद ताई के पास ही बैठा रहा। रात 1:30 बजे के बाद वह आईसीयू से बाहर आ गया, जिसके बाद अटेंडेंट ने आईसीयू का गेट बंद कर दिया। लिहाजा, गोविंद बाहर आकर सो गया। कुछ घंटे बीते ही थे कि तभी नर्सिग स्टॉफ चिल्लाने लगे कि आईसीयू में आग लग गई है। सभी लोग अपने-अपने मरीज को बचा लें और कर्मचारी मरीजों को बचाने की बजाय भाग खड़े हुए। आग लगने ही सूचना मिलते ही गोविंद ने ताई और बाकी मरीजों को बचाने में जुट गया। गोविंद का कहना है कि आईसीयू में लगे फायर एक्सटिंग्यूशर से उसने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन फायर एक्सटिंग्यूशर में गैस ही नहीं थी। लिहाजा, गोविंद जनरल वार्ड की तरफ भागा और दूसरा फायर एक्सटिंग्यूशर लेकर आया। जिससे उसने आग बुझाई और आईसीयू की खिड़की का कांच तोड़ दिया। ताकि, धुंआ बाहर निकल सके।

फायर बिग्रेड की जगह यूपी 100 पर की कॉल

साई हॉस्पिटल में रात करीब 3 बजे सभी मरीज और तीमारदार सो रहे थे। तभी अचानक चीख-पुकार सुनकर सचिन की आंख खुली। कासगंज निवासी सचिन अपनी सास राजबाला के देखने पत्‍‌नी के साथ आए थे वह आईसीयू वार्ड के बाहर सो रहे थे। सचिन की आंख खुली तो उसने देखा आईसीयू से धुआं निकल रहा था और आईसीयू सहित पूरे हॉस्पिटल का नर्सिग स्टॉफ भाग चुका था। चारों तरफ धुआं ही धुआं देख सचिन को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन उसने यूपी 100 नम्बर पर कॉल करके हॉस्पिटल में आग लगने की सूचना दी। सूचना मिलते ही उसके पास लखनऊ से दोबारा फोन आया और पूछा गया कि साई हॉस्पिटल कहां और लोकेशन क्या है। जब सचिन ने लोकेशन बताई तो उसके पास फायर बिग्रेड का फोन आया और फायर बिग्रेड की दो गाडि़यां मौके पर पहुंची।