आगरा। संजय प्लेस स्थित मैक्स शॉपिंग मॉल की आग ने सोमवार सुबह दहशत फैला दी। गनीमत यह थी कि घटना दिन में नहीं हुई। अन्यथा यहां का मंजर और भयावह होता। वहीं, आग बुझाने के दौरान जो काम फायर कर्मियों को करना था, वो काम मॉल के सुरक्षाकर्मी ने किया। उसने बहादुरी दिखाते हुए काउंटर खींचा। फिर चाबी बाहर निकाली। इससे दूसरा शटर खुल सका। आग से लाखों का नुकसान बताया जा रहा है।

कांच तोड़ कर डाला गया पानी

संजय प्लेस पुलिस चौकी से आगे कॉमर्शियल कॉम्प्लैक्स में मैक्स का शोरूम है। शोरूम बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर व प्रथम तल पर है। सोमवार सुबह यहां पर चौकीदार हरिओम चाहर था। सुबह आठ बजे करीब ग्राउंड फ्लोर पर बंद शटर की जाली से धुआं बाहर आने लगा। सुरक्षाकर्मी हरिओम ने ये खबर तत्काल एसएम सुशांत को कॉल किया। क्योंकि बाहर के शटर की चाबी उनके पास रहती है। सुरक्षाकर्मी ने चौकी पर जाकर सूचना दी। मौके पर फायर स्टेशन ने चार दमकल पहुंच गई।

सुरक्षाकर्मी ने दिखाई बहादुरी

बाहर का ताला तो खुल गया, लेकिन दूसरे शटर का ताला अंदर से लगा था। इसकी चाबी अंदर काउंटर में रखी थी। सुरक्षाकर्मी ने फायरकर्मियों से कवर देने को कहा। क्योंकि अंदर बहुत धुआं भरा था। आगे के कांच के गेट को तोड़ दिया था। सुरक्षाकर्मी पानी की आड़ में शोरूम के अंदर चला गया। जिस काउंटर में अंदर की चाबी थी, उस काउंटर को खींचकर बाहर ले आया। उसमें से चाबी निकाली। तब दूसरा शटर खुल सका। इस दौरान सुरक्षाकर्मी चोटिल भी हो गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

स्प्रिंकल्स नहीं बुझा सका आग

मॉल के अंदर फायर स्प्रिंकल्स सिस्टम लगा था जो हीट मिलने पर पानी की बौछार करने लगता है। इस सिस्टम के चलते आग बुझती रही, लेकिन विकराल रूप होने के चलते सिस्टम उसे पूरी तरह बुझा नहीं सका। लोगों का कहना था कि आग से तो नुकसान हुआ है। इसके अलावा पानी से भी अधिक नुकसान हुआ है।

दिन में मच जाती भगदड़

शॉपिंग मॉल में एंट्री और एक्जिट का एक ही गेट है। यदि मॉल खुलने के बाद ये घटना होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। धुआं अधिक होने पर ऊपर की तरफ एक इमरजेंसी गेट खोला गया। इससे धुआं बाहर जा सका। आग में हुए नुकसान का आंकलन नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

और भी ऑफिस हैं बिल्डिंग में

द्वितीय तल पर मॉल की दीवार से सटा हुआ एक बैंक का ऑफिस भी है। तृतीय तल पर एक अन्य ऑफिस है। यदि आग अधिक बढ़ती तो भगदड़ मच जाती। चूंकि आग अन्य कार्यालय में भी जा सकती थी। सुबह मॉल से खरीदारी करने वाले लोग आ रहे जो वहां की हालत देख कर लौट रहे थे।