अगर आप इस फेस्टिव सीजन में एंज्वॉय करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आग से बचाव के इंतजाम भी आप ही करें। क्योंकि पिछले फेस्टिव सीजन में आग से हुए हादसों पर नजर डालें तो पता चलता है कि उनमें न तो कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, बल्कि करोंड़ो की सम्पत्ति भी जलकर खाक हो गई थी। फायर डिपार्टमेंट ने पिछली बार हुए हादसों से सबक लेकर आग से बचाव के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया है और सबकुछ ‘भगवान भरोसे’ रख रखा है। हालांकि, पानी की अवेलिबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए स्टैटिक टैंक्स बनाने जैसे रिफॉर्मिंग प्रोजेक्ट्स तैयार किए गए। लेकिन, छह महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी अभी तक से टैंक्स फाइलों में ही कैद हैं। यही नहीं, सिटी के प्रॉमिनेंट प्वॉइंट्स पर नए फायर स्टेशन बनाए जाने के प्लांस भी जमीनी हकीकत का रूप नहीं ले पा रहे हैं। और अब जबकि दशहरा व दीवाली करीब आ चुके है तो  फायर डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स को अग्नि हादसों की चिन्ता सताने लगी है और उन्होंने कागजी घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए हैं।

इनसे मिलती काफी हेल्प, पर

 सिटी में लगे फायर हाइड्रेंट्स (पानी के सोर्सेज) का अब अता-पता नहीं हैं। जब भी आग की बड़ी घटना होती है, तो फायर इम्प्लाइज को आग बुझाने के लिए पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। इस वजह से आग से तबाही और भी बढ़ जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए शासन ने तेरहवें वित्त आयोग के अन्तर्गत 257.20 लाख रुपए दिए थे। इससे घनी आबादी, इंडस्ट्रियल एरिया में 10 स्टैटिक टैंक बनाने का डिसीजन लिया गया। अगर ध्यान दिया जाए तो ये विशेष स्टैटिक टैंक्स आग बुझाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत टैंक्स को बनाने और भरने के लिए नगर निगम को जमीन और वॉटर सप्लाई की व्यवस्था करने का प्लान है। 30 अप्रैल को जलनिगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष सिंह व फायर स्टेशन ऑफिसर शिवदरस प्रसाद ने सर्वे कर इनके लिए 10 स्थान भी चिन्हित किए। लेकिन, इतना टाइम बीत जाने के बावजूद भी अभी तक काम शुरू ही नहीं हो सका है।

फिजां में ‘घुलने’ लगा बारूद

दीवाली को अब एक महीना भी नहीं बचा है। दशहरा तो नेक्स्ट वीक ही है.अवैध रुप से पटाखे बनाने और स्टोर करने का कारोबार फिर फलने-फूलने लगा है। पिछले वर्षों में इस अवैध कारोबार की वजह से कल्याणपुर, बिठूर, कर्नलगंज, बर्रा सहित कई स्थानों पर हादसे हुए थे। दशहरा, दीवाली करीब आते देख अब दुुकानों में पटाखे बिकने भी शुरू हो गए। हालांकि, इससे आग की आशंका से फायर ऑफिसर अलर्ट हो गए हैैं। उन्होंने लोगों को जागरूक करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पैम्फलेट, बोर्ड बनवा लिए है। जिससे आतिशबाजी से होने वाले हादसों को रोका जा सका। हालांकि फायर ऑफिसर संसाधनों की कमी का भी रोना रो रहे हैं और इस कारण डरे-सहमें नजर आ रहे हैैं।

आग बुझाने वालों की भी कमी

सिटी में हर साल अग्निहादसों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन आग बुझाने वालों की संख्या घटती जा रही है। मीरपुर कैंट फायर स्टेशन में तो फायरमैन की संख्या आधी ही रह गई है। यहां 40 फायरमैन होने चाहिए जबकि केवल 20 फायरमैन ही हैैं। इसी तरह 7 लीडिंग फायर मैन के स्थान पर केवल 5 फायरमैन ही हैं। दमकल गाडिय़ों के लिए 9 ड्राइवर होने चाहिए जबकि केवल 6 हैं। कर्नलगंज फायर स्टेशन का हाल तो और भी खराब है। यहां 40 के स्थान पर केवल 17 फायरमैन और 9 ड्राइवर की जगह केवल 5 ही दमकल गाडिय़ों के चालक है। कुछ यही हाल लाटूश रोड फायर स्टेशन का है।

फायर स्टेशन कब बनेंगे?

करीब एक दशक पहले किदवई नगर व जाजमऊ में फायर स्टेशन बनने के लिए शासन ने मंजूरी दी थी। लेकिन अभी तक ये फायर स्टेशन नहीं बन सके। लंबे समय तक तो जमीन ही नहीं तलाशी जा सकी। जब केडीए ने फायर स्टेशन के लिए किदवई नगर व चकेरी में जमीन दे दी तो बजट न मिलने के कारण मामला लटक कर रह गया। देरी होते देख फिलहाल जाजमऊ फायर स्टेशन को मीरपुर कैंट की बिल्डिंग से ही संचालित किया जाने लगा।

आग में घिरी 1.44 अरब की प्रॉपर्टी

पिछले वर्ष, यानि 2012 में 1243 स्थानों पर आग लगी। इनमें 66 स्थानों पर फायर पुलिस पहुंची तो भीषण आग लगी मिली। इन घटनाओं में 1.44 अरब का सामान आदि दमकल कर्मियों को घिरा मिला। उनके काफी प्रयास के बावजूद भी 27 करोड़ से अधिक का सामान आदि जलकर राख हो गया। इन घटनाओं में 12 लोगों और 19 एनीमल्स की जलकर मौत भी हो गई थी। हालांकि 28 लोगों और 15 एनीमल्स को दमकल कर्मियों ने बचा भी लिया था।

आग की घटनाएं- 1243

मेयर फायर - 66

सीरियस फायर- 14

मीडियम फायर- 172

स्माल फायर- 996

अन्य सूचनाएं- 44

आग में घिरी संपत्ति-1,43,90,61,500 रु।

आग से हुआ नुकसान- 27,43,88,450 रु।

आग से बची संपत्ति- 1,15,46,73,050 रु।

आग में फंसकर 12 लोगों की मौत

आग में फंसकर 19 एनीमॅल की मौत

(डेटा-2012 का है)

फॉर योर हेल्प

यहां स्टैटिक टैंक्स बनाने का प्रपोजल है

1-भारत माता प्रतिमा के पास फीलखाना

2-यतीमखाना के पास

3-मकबरा ग्वालटोली

4-नवाब साहब का हाता

5-हलधर बाजपेई पार्क, पटकापुर

6-यशोदा नगर रोड, नौबस्ता थाना

7-पनकी साइट न.2

8-कर्रही, थाना बर्रा

9-कल्याणपुर

10-तिकोनिया पार्क बजरिया

कैपेसिटी- 2.0 लाख लीटर पानी

बजट - 257.20 लाख

-नगर निगम को टैैंक के लिए निशुल्क जमीन व वाटर सप्लाई की व्यवस्था करनी है

सर्वे हुआ- 30 अप्रैल, 2013

प्रोग्र्रेस रिपोर्ट- फाइलों में कैद है स्टेटिक टैंक

 

"स्टैटिक टैैंक,फायर हाइड्रेन्ट का प्रपोजल, एस्टीमेट नगर निगम को भेजा जा चुका है। नगर निगम के प्रपोजल पास कर बजट रिलीज करते ही काम शुरू कर दिया जाएगा."

- आशीष सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, जलनिगम

--फॉर योर हेल्प--

आग लगने पर सूचना दें

पुलिस कन्ट्रोल-100

फायर कन्ट्रोल रूम- 101

चीफ फायर ऑफिसर- 9454418343

लाटूशरोड फायर स्टेशन- 2362222

फायर स्टेशन ऑफिसर- 9454418399

कर्नलगंज फायर स्टेशन- 2525555,2549271

फायर स्टेशन ऑफिसर- 9454418397

फजलगंज फायर स्टेशन- 2218999

फायर स्टेशन ऑफिसर-  9454418395

मीरपुर कैंट फायर स्टेशन- 2325566

फायर स्टेशन ऑफिसर- 9454418401

जाजमऊ फायर स्टेशन-(मीरपुर कैंट बिल्डिंग से ही संचालित है)

फायर स्टेशन ऑफिसर जाजमऊ- 9454418407

फायरस्टेशन- दमकलगाडिय़ांहैं-होनी चाहिए

कर्नलगंज-       3-         5

लाटूशरोड-      3-          5

मीरपुर कैंट-     4-          5

जाजमऊ-       2-          3

फजलगंज-      5-          5

घाटमपुर-        2-         3

बिल्हौर-         2-         3