- दो घंटे बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड

- गोदाम से सटे तीन मकानों के लोग लपटों में हुए कैद

- बिना एनओसी पांच साल से चल रहा था गोदाम

LUCKNOW:

बिना एनओसी अलीगंज के रिहायशी इलाके में चल रहे अवैध रुई गोदाम और कारखाने में शनिवार सुबह भीषण आग लग गई। जिसकी चपेट में गोदाम से सटे दो मकान भी आ गए। गोदाम मालिक और स्थानीय लोग मदद के लिए फायर ब्रिगेड को फोन करते रहे लेकिन फोन नहीं उठा। तीन घंटे बाद पहुंची फायर ब्रिगेड ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बताया जा रहा है कि आग से लगभग 50 लाख का नुकसान हुआ है।

आग ने लिया विकराल रूप

अलीगंज कुर्सी रोड सेक्टर एल में आवासीय कॉलोनी स्थित पवन सोनकर के खाली प्लाट में अमरोहा निवासी निजामुद्दीन उर्फ गुड्डू पांच साल से रुई का कारखाना चलाता है। कारखाने में रुई धुनाई की मशीनें लगी हैं और गोदाम भी था। निजामुद्दीन के मुताबिक शनिवार सुबह करीब 05:15 बजे तपिश लगने पर उनकी नींद खुली। उसने देखा की गोदाम आग की लपटों से घिरा है। रुई और फोम के आग पकड़ने से वह और भी विकराल हो गई।

पांच किमी तक नजर आ रही थी लपटें

आग इतनी भयावह थी कि धुंए का गुबार और आग की लपटें करीब पांच किमी दूर तक दिखाई दे रही थीं। आग पड़ोस में रहने वाली त्रिखा, एपी पांडेय और उनके किराएदार प्रियंक पांडेय के पोरशन में पहुंच गई। आग से त्रिखा के किचन में रखा समान, कमरे में लगा एसी और पड़ोसी एमपी पांडेय एवं प्रियंक पांडेय के कमरे में रखा सामान जल गया।

दो घंटे बाद पहुंची फायर ब्रिगेड

गोदाम मालिक और पड़ोसियों ने मदद के लिए फायर ब्रिगेड के हेल्प लाइन नंबर पर कॉल की। लगातार कॉल के बाद भी फोन नहीं रिसीव हुआ। दो घंटे बाद पहुंचे फायर कर्मियों ने आधा दर्जन से अधिक गाडि़यों की मदद से तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

लोगों में आक्रोश

फायर ब्रिगेड के देर से पहुंचने पर लोगों में आक्रोश था। हालांकि पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया। निजामुद्दीन ने बताया कि आग की चपेट में आने से मशीनें, गोदाम में रखे रुई के गट्ठर, ऑल्टो कार, बाइक और कैश काउंटर में रखे 40 हजार रुपये और अन्य सामान जलकर राख हो गया। करीब पचास लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान बताया जा रहा है।

तपिश से टूटे कांच, जले पेड़-पौधे

आग की तपिश से एमपी पांडेय के मकान के भूतल, पहली मंजिल और दूसरी मंजिल पर स्थित प्रियंक पांडेय के पोरशन में खिड़कियों में लगे शीशे टूट गए। बाउंड्री में लगे पेड़-पौधे जल गए। बालकनी में लटक रही फैंसी लाइट और कमरे के एसी-पंखे, बिजली की वायरिंग जल गई।

हाथ जोड़ कर करते रहे प्रार्थना

त्रिखा ने बताया कि आग जब उनके किचन में पहुंची तो उन्होंने भाग कर सिलेंडर की नॉब बंद की। इसके बाद बचाव के मद्देनजर परिजनों के साथ छत पर भागी। पड़ोस में रहने वाले एमपी पांडेय और उनके किराएदार प्रियंक पांडेय लपटों के चलते मकान में कैद हो गए। उन्होंने भी अपने घर से सबमर्सिबल पंप से छत और बालकनी से पानी फेंकना शुरू किया। घरों में फंसी महिलाएं इस दौरान अपनी गृहस्थी और जान बचाने के लिए हाथ जोड़ कर प्रार्थना करती रहीं।

गोदाम की न परमिशन न एनओसी

रिहायशी इलाके में चल रहे रुई गोदाम की न तो फायर डिपार्टमेंट से एनओसी ली गई थी और न ही इसकी कोई परमिशन थी। पुलिस की सरपरस्ती में धड़ल्ले से कारखाना और गोदाम चल रहा था। प्रदूषण विभाग से लेकर किसी भी तरह की सरकारी परमिशन गोदाम मालिक निजामुद्दीन नहीं दिखा सका। पहले भी गोदाम को लेकर लोगों ने आपत्ति जताई थी लेकिन दबंगई के चलते कोई शिकायत नहीं करता था।

सुबह करीब 5:50 बजे सूचना मिली। इसके बाद दमकल को तत्काल रवाना कर दिया गया। गोदाम अवैध रूप से रिहायशी इलाके में चल रहा था। गोदाम संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आग से कोई हताहत नहीं हुआ है।

अभय भान पांडेय, सीएफओ