-पांच घंटे बाद पाया गया आग पर काबू, पानी की कमी से आग बुझाने में आई दिक्कत

-सुबह आठ बजे लगी थी आग, तीन दमकल की गाडि़यों से बुझी

-स्टूडेंट्स और टीचर्स को भी मिला 16 घंटे बाद पानी

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर पानी की किल्लत ने बड़े हादसे के हालात पैदा कर दिए। पानी की किल्लत होने से गोरखपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षा भवन और होमसाइंस डिपार्टमेंट में लगी आग को काबू पाने में काफी वक्त लग गया। इस दौरान दीक्षा भवन में स्टूडेंट्स का एग्जाम भी चल रहा था। गनीमत है कि आग पर वक्त रहते काबू पा लिया गया। अगर वक्त पर गार्ड ने देखा न होता और उसने जिम्मेदारों को सूचना न दी होती, तो आग की लपटों से भारी नुकसान हो सकता था।

सुबह 9 बजे लगी आग

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के दीक्षा भवन के पास सुबह करीब 9 बजे धुआं उठने लगा। वहां ड्यूटी में लगा सिक्योरिटी गार्ड मौके पर पहुंचा तो देखा कि सूखे पत्तों में आग लगी हुई है और यह काफी तेजी से फैल रही है। उसने तत्काल इसकी सूचना जिम्मेदारों को दी। लेकिन जब तक दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंचती, आग इतनी भयानक हो गई कि उसे काबू पाने में जिम्मेदारों के पसीने छूटने लगे। आग की लपटें पेड़ के ऊपर तक पहुंच गई। दमकल की तीन गाडि़यों से करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद दोपहर दो बजे आग पर काबू पाया गया।

खत्म हो गया था पानी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बुधवार रात से ही पानी की जबरदस्त किल्लत हो गई। इस दौरान टीचर्स कॉलोनी में पानी के लिए हाहाकार मच गया। रात में हॉस्टल का मोटर जलने की वजह से पानी की किल्लत कैंपस में भी नजर आने लगी। जहां यूनिवर्सिटी की टंकियां खाली हो जाने की वजह से पानी की व्यवस्था के लिए दमकल की गाडि़यों को वापस फायर स्टेशन जाना पड़ा। इससे जहां शुरुआती दौर में गा‌र्ड्स ने टंकियों से पानी निकालकर उसे बुझाने की कोशिश की, लेकिन लिमिटेड पानी होने से वह नाकाम रहे। इस दौरान फायर ब्रिगेड के जिम्मेदारों ने भी आग ठंडी की, वहीं दूसरी गाड़ी आने के बाद इसे प्रॉपर वे में बुझाया गया

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16 घंटे पानी को तरसे शिक्षक

बुधवार रात हॉस्टल में मौजूद इकलौते मोटर पंप के फिर जलने की वजह से शिक्षकों, कर्मचारियों को 16 घंटों तक बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ा। गनीमत थी कि हॉस्टल्स में सबमर्सिबल पंप लग जाने की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं हुई। मोटर जलने से टीचर्स कॉलोनी समेत पूरे कैंपस में पानी सप्लाई ठप हो गई। हीरापुरी कॉलोनी, प्रोफसर्स कॉलोनी, मुंशी प्रेम चंद कॉलोनी, याक्ची कंपाउंड समेत यूनिवर्सिटी कैंपस में पानी का संकट रहा। कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद मोटर बनाया, जिसके बाद दोपहर 2 बजे तक लोगों को पानी मिल सका।

एक मोटर के भरोसे यूनिवर्सिटी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में कैंपस, टीचर्स और एंप्लाइज आवास के साथ ही प्रशासनिक भवन में सप्लाई के लिए सिर्फ एक मोटर है। पानी की प्रॉब्लम को लेकर कुछ महीने पहले हुए बवाल के बाद वीसी ने इस प्रॉब्लम को दूर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही और लेटलतीफी का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ा। दो ट्यूबवेल होने के बाद भी एक से काम चलाया जा रहा है और दूसरा यूं ही खराब पड़ा है। नगर निगम से हरी झंडी मिलने के बाद भी जिम्मेदार अब तक निगम की वॉटर सप्लाई का इस्तेमाल शुरू नहीं करा सके हैं।