-नवीन गल्ला मंडी महेवा की घटना

-इलेक्ट्रिक वेल्डिंग की चिंगारी से गोदाम में लगी आग

-आग की मंडी में अफरा-तफरी का माहौल

-दमकल की पांच गाडि़यों ने आग पर पाया काबू

GORAKHPUR: नवीन गल्ला मंडी महेवा स्थिति रूई के गोदाम में बुधवार दोपहर अचानक आग लग गई। इससे लाखों का नुकसान हो गया। आग गोदाम में शटर की इलेक्ट्रिक वेल्डिंग करते समय निकली चिंगारी से लगी और कुछ ही पल में बेकाबू हो गई। सूचना मिलने के आधे घंटे बाद दमकल की पांच गाडि़यों की मदद से आगू पर काबू पाया गया। वहीं, बगल के दुकानदारों ने तुरंत दुकान खाली कर दिया।

गोदाम में चिंगारी से उठा धुआं, रूई राख

नवीन गल्ला मंडी में चिलुआताल के बरगदवा के रहने वाले सुभाष चंद्र अग्रवाल की गणपति कॉटन कार्पोरेशन नाम से दुकान व गोदाम है। इसे स्थायी रूप से मंडी प्रशासन की ओर से अलॉट किया गया है। बुधवार दोपहर 2 बजे के आसपास गोदाम के शटर की इलेक्ट्रिक वेल्डिंग हो रही थी। इलेक्ट्रिक वेल्डिंग का काम पूरा हुआ भी नहीं था कि अचानक गोदाम से तेज धुआं व आग की लपटें निकलने लगी। मजदूर व वेल्डिंग कर रहे कारीगर वेल्डिंग मशीन छोड़कर फरार हो गए।

सूचना के 30 मिनट बाद पहुंची दमक गाडि़यां

किसी ने घटना की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलने के करीब 30 मिनट बाद पहुंची फायर ब्रिगेड की पांच गाडि़यों ने आग पर काबू पाया। कर्मचारियों ने बताया कि मालिक की तबीयत खराब है और वे हॉस्पिटल में भर्ती हैं। आग से कितने का नुकसान हुआ है। यह बता पाना मुश्किल हैं।

पहले भी मंडी में लग चुकी है आग

इसके पूर्व भी गोदाम में दो बार आग लग चुकी है और 35-40 लाख का नुकसान बताया गया था। गल्ला व्यवसायी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि मंडी में किसी प्रकार की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। यहां आग पर काबू हाइड्रेंट तक की व्यवस्था नहीं है। साथ ही पानी के लिए पाइप तक नहीं बिछाई जा सकी है।

आग से दरक गई दुकानें

बगल में एनआर ट्रेडिंग कंपनी और जेके ट्रेडिंग कंपनी नाम से किराने की थोक दुकान है। वहीं गोदाम के पीछे अशरफी लाल किराना मर्चेट की थोक दुकान है। इन दुकानों में पूरा माल भरा था। जैसे ही गोदाम में आग लगी, दुकान मालिक अपनी दुकानों में रखा माल बाहर निकलाने लगे। हालांकि आग की लपटें इतनी तेज थी कि उनकी दुकान की दीवार दरक गई।

प्रशासन बेखबर

दुकान मालिक रूई की गोदाम में इलेक्ट्रिक वेल्डिंग करवा रहे थे, जिसकी खबर मंडी प्रशासन तक को नहीं थी। नियम यह है कि बिना मंडी प्रशासन की दुकान में कोई भी निर्माण नहीं करा सकते।

कोट

मंडी में ठेला चलाता हूं। तीन दिन से गोदाम में शटर के इलेक्ट्रिक वेल्डिंग का काम चल रहा था। इलेक्ट्रिक वेल्डिंग करने वाले कारीगर को मना भी किया गया था लेकिन वह नहीं मान रहे थे। देखते ही देखते आंख से सामने गोदाम खाक हो गया।

संजय कुमार गौड़, ठेला चालक

रूई की गोदाम में लगी आग से सभी व्यापारी सदमे में थे। वह दुकान के अंदर रखे माल को बचाने में लग गए। कुछ तो दुकान में रखे फायर सिस्टम को लेकर गोदाम की तरफ दौड़े। यदि रात में आग लगी होती तो बचा पाना मुश्किल था।

शैलेंद्र कुमार, व्यापारी

हर बार रूई के गोदाम में ही आग लगती है। आग से निपटने के लिए मंडी प्रशासन के पास कोई व्यवस्था नहीं है। दुकानों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए गए हैं। न ही कोई जांच की जाती है। इतना ही नहीं हाइड्रेंट की भी व्यवस्था नहीं है।

जवाहर प्रसाद कसौधन, व्यापारी

थोक दुकान में गुड़ और कपूर भारी मात्रा में रखा ा। यदि इस दुकान में आग पहुंच जाती तो उसे बचा पाना मुश्किल था। हालांकि व्यापारी और अन्य लोगों की मदद से माल को बाहर निकाला गया। तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।

विष्ण़ मद्धेशिया, व्यापारी

वर्जन

दुकान मालिक की लापरवाही सामने आ रही है। नोटिस के साथ ही मामले की जांच कराई जाएगी।

विवेक श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट

गोदाम में आग लगने की सूचना पर पहुंचा। बगल के दुकान मालिकों से इसकी जानकारी ली गई। गोदाम मालिक की चूक के चलते आग लगी है। इसकी प्रकरण की जांच कराई जा रही है। जांच के दौरान दोषी पाए गए तो लाइसेंस निलंबन के साथ उन पर कार्रवाई की जाएगी।

सेवा राम वर्मा, सचिव मंडी