- कुमाऊं मंडल के गोला नदी क्षेत्र में जानलेवा बनी वनाग्नि

- झोपड़ी में सोया था मासूम, मां उसे बचाने गई थीं

NANITAL: प्रदेश में जंगलों की आग भयावह होती जा रही है। मंगलवार को हल्द्वानी के गोला नदी खनन क्षेत्र में वनाग्नि की चपेट में आकर मां और बेटा जिंदा जल गए। साथ ही सौ झोपडि़यां जलकर राख हो गई। इधर, पौड़ी जिले के कोटद्वार में दावानल से क्भ् गुर्जरों के डेरे जल गए। मंगलवार को प्रदेश में भ्म् स्थानों पर आग की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। इससे करीब क्ब्फ्.8 हेक्टयेर जंगल भी नष्ट हो गए।

वनाग्नि पहुंच रही रिहायशी क्षेत्रों में

दोपहर तेज हवा चलने के साथ ही हल्द्वानी में गोला नदी के खनन क्षेत्र मोटाहल्दू गेट के आसपास की झोपडि़यों में जंगल की तरफ से आई लपटों से आग लग गई। देखते ही देखते सौ झोपडि़यां राख हो गई। यहां एक झोपड़ी में जिला गड़वा, थाना नगर उडारी, ग्राम गरवान (झारखंड) निवासी ब्0 वर्षीय रीता पत्नी गुलाब चंद्र का छह साल का बेटा असनंद सोया हुआ था। रीता खनन कार्य में जुटी थी। अपनी झोपड़ी को आग की लपटों से घिरा देख रीता उस तरफ दौड़ी, उसके पहुंचने तक मासूम बेटे की जलने से मौत हो चुकी थी। इसी दरम्यान आग की लपटों ने रीता को भी घेर लिया और उसने भी तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। करीब सवा तीन घंटे तक पांच दमकल वाहनों ने पानी की बौछार कर आग पर काबू पाया।

क्क्ब्क्.भ्फ् हेक्टेयर जंगल राख

प्रदेश में वनाग्नि की भ्78 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। इस दौरान क्क्ब्क्.भ्फ् हेक्टेयर जंगल राख में तब्दील हो चुके हैं। आग से सर्वाधिक प्रभावित गढ़वाल मंडल के जंगल हैं। गढ़वाल में तकरीबन म्07 हेक्टेयर वन दावानल की भेंट चढ़ चुके हैं। जबकि कुमाऊं में यह आंकड़ा ख्7क् हेक्टेयर है। इसके अलावा कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क समेत विभिन्न सेंचुरी और पार्क क्षेत्रों में भी ख्म्फ् हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है।