- 23 आईएफएस ऑफिसर्स को दी गई फॉरेस्ट फायर से संबंधित ट्रेनिंग

- अफसरों ने सीखा कैसे की जाती है फॉरेस्ट फायर की निगरानी

DEHRADUN: देश के आधे से ज्यादा जंगल वनाग्नि से सुरक्षित नहीं हैं। करीब भ्ब् परसेंट जंगल वनाग्नि की दृष्टि से सेंसिटिव बताए गए हैं। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) के ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान यह बात कही गई साथ ही ऑफिसर्स को वनाग्नि की निगरानी और आकलन को लेकर ट्रेनिंग भी दी गई।

एसएमएस सिस्टम होगा स्वचालित

गुरुवार को एफएसआई में आयोजित दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आगाज करते हुए संस्थान के महानिदेशक डॉ.शैवाल दास गुप्ता ने बताया कि जंगलों को आग से बचाने के लिए बेहतर टेक्नोलॉजी डेवलप करने को संस्थान लगातार काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि ख्0क्0 से ही वनाग्नि को लेकर एसएमएस के माध्यम से अलर्ट किए जाने की शुरुआत की गई और पिछले साल से इस प्रक्रिया को स्वचालित किए जाने के लिए काम किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने वनाग्नि सूचना प्रणाली के दूसरे संस्करण का भी विमोचन किया। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा नासा के साथ मिलकर निगरानी कार्य को और प्रभावी बनाया जाएगा। ट्रेनिंग प्रोग्राम में ख्फ् आईएफएस ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें अग्रिम वनाग्नि सूचना प्रणाली, रियल टाइम फॉरेस्ट फायर इन्फॉर्मेशन आदि की जानकारी दी गई।